भोपाल । परिवहन विभाग में परमानेंट लाइसेंस को लेकर अधिकारी असमंजस में हैं। इसके पीछे वजह है ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस की नई व्यवस्था। लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्था शुरू हुए एक महीना हो गया। अब इन लाइसेंस को परमानेंट कैसे करना है? इसको लेकर फिलहाल परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में मुख्यालय से जानकारी मांगी है। दरअसल, परमानेंट लाइसेंस को लेकर असमंजस की स्थिति इसलिए बन रही है, क्योंकि पिछले महीने 1 अगस्त से ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्थाएं शुरू की गई हैं।
ये सारे लर्निंग लाइसेंस ‘सारथीÓ (एनआईसी पोर्टल) के माध्यम से बने। इसका रिकॉर्ड भी यहीं है। वहीं, दूसरी ओर पक्के लाइसेंस के लिए स्मार्ट चिप ने सॉफ्टवेयर बनाया है। इंदौर में ऑटोमैटिक ट्रायल की व्यवस्था के लिए एक सिस्टम भी बनाया है। हालांकि अब जो लर्निंग लाइसेंस बने, उनके परमानेंट लाइसेंस कैसे बने, इसे लेकर असमंजस चल रहा है।