भोपाल। राजधानी में मरीजों को चिकनगुनिया के साथ डेंगू भी हो रहा है। मरीजों को चिकनगुनिया के साथ डेंगू बुखार भी हो रहा है। राजधानी भोपाल में अगस्त के महीने में चिकनगुनिया के 14 मरीज मिले हैं। इनमें 8 मरीजों में डेंगू का संक्रमण भी था। दोनों बीमारियां एक साथ होने से मरीजों को ठीक होने में 15 दिन से एक महीने तक समय लग रहा है। इसके अलावा मरीज को तकलीफ भी ज्यादा होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू और चिकनगुनिया दोनों संक्रमण एडीज मच्छर से फैलते हैं, इसलिए मरीजों में दोनों बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इस साल डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज साकेत नगर में मिले हैं। यहां मरीजों की संख्या करीब 14 है। इसके बाद साकेत नगर से लगे बागसेवनिया में भी आधा दर्जन मरीज मिल चुके हैं। जेके रोड स्थित निजामुद्दीन कॉलोनी में 4 मरीज मिले हैं। बाकी कॉलनियों में 1-2 मरीज हैं। बता दें कि साकेत नगर में पिछले साल भी ज्यादा मरीज मिले थे। कोलार, कोटरा सुल्तानाबाद और नेहरू नगर में भी मरीज मिले थे। एक्सपर्टस की माने तो दिन में भी मच्छरदानी लगाएं, क्योंकि डेंगू फैलाने वाला मच्छर दिन में काटता है। फुल कपड़े पहनें। घरों में पानी जमा न होने दें। छोटे-छोटे बर्तनों में भरे पानी को भी हफ्ते भर में बदल दें।फ्रिज के पीछे/नीचे लगने वाली ट्रे का पानी भी नियमित तौर पर 7 से 10 दिन के अंतराल में बदलते रहें। सिर दर्द, तेज बुखार, शरीर में चकत्ते, दांतो से खून आना आदि डेंगू के लक्षण हैं। ऐसी तकलीफ होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं। भोपाल के जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया कि भोपाल में अगस्त महीने में डेंगू के 60 मरीज मिले हैं, लेकिन किसी मरीज की मौत इस बीमारी से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले इस साल डेंगू मरीजों की संख्या काफी कम है। हालांकि अब लोगों को सावधानी रखनी होगी। मच्छरों से बचाव करना होगा। उन्होंने बताया कि शहर में कैंप लगाकर बुखार का सर्वे किया जा रहा है। साथ ही जहां डेंगू या चिकनगुनिया के मरीज मिलते हैं, वहां आसपास के घरों में लार्वा सर्वे और मच्छरों को मारने के लिए दवाओं का छिड़काव किया जाता है।