जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
कोरोना काल के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सही ढंग से नहीं हो रहा है। क्षेत्र के केंद्रों पर कहीं ताले लटकते नजर आ रहे हैं। तो किसी जगह कार्यकर्ता ही उपस्थित नहीं हैं। इतना ही नहीं, बच्चों को यहां से पोषण आहार के नाम पर सिर्फ दाल चावल वितरित किया जा रहा हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे। यह नजारा धरमजयगढ़ मुख्यालय के ग्राम पंचायत पुटूकछार के धौराभांठा का है जहां स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र की हालात बदतर हैं। इस आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे तो उपस्थित है और इनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं कार्यकर्ता आंगनबाड़ी का ताला खोलकर अपने घर का कामकाज करती है। आंगनबाड़ी में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं नहीं इन सबसे कार्यकर्ता को कोई सरोकार नहीं है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों के हालातों का जायजा आसानी से समझा जा सकता है। 27 अगस्त को जब धौराभाटा के आंगनबाड़ी केन्द्र पर जाकर देखा तो हकीकत सामने आई। यहां के उपस्थित बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं मिला वहीं जब इन मासूम बच्चों से कार्यकर्ता और सहायिका के बारे में पूछा गया तो बच्चों ने बताया कि मैडम घर में है। ऐसे में सरकार से तनख्वाह लेकर आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। बताना होगा कि उक्त ग्राम पंचायत के आश्रित मुहल्ले धौराभांठा के घने जंगलों के बीच और पहाड़ के ऊपर स्थित है। ना किसी अधिकारी का जायजा लेने का डर है और ना ही कार्यवाही होने का खतरा सिर्फ और सिर्फ इस आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता की मनमानी चल रही है। इस मामले में जब यहां के ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां ऐसे ही सब कुछ राम भरोसे चलता है।