धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
शासकीय राशि को किस कदर बंदरबांट करना है, जानना है तो धरमजयगढ़ वन मंडल में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों से सीखे। वन विभाग को शासन द्वारा करोड़ों रूपये निर्माण कार्य के लिए दिया जाता है और वन विभाग द्वारा शासन के नियम विरूद्ध कुछ इनके खास लोगों को शासकीय राशि की बंदरबांट करने के लिए निर्माण कार्य ठेका में दे दिया जाता है। इन अधिकारी के खासम खास निर्माण कार्य को इतने घटिया बना देते हैं कि एक तरफ निर्माण होता रहता है और दूसरी तरफ टूट फूट होता रहता है। लेकिन अधिकारी को इस घटिया निर्माण से कोई लेना देना नहीं है। इनको तो बस अपनी मोटी कमीशन से मतलब है।
जिसका नतीज है कि निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में भ्रष्टाचार की कहानी बयां करने लग जाते हैं। धरमजयगढ़ वन मंडल मृत लोगों से भी मजदूरी करवाकर शासकीय राशि का बंदरबांट करते हैं तो फिर लाखों करोड़ों के निर्माण कार्य में कितना भ्रष्टाचार करते होंगे ये आप खुद सोच सकते हैं।
30 लाख का डेम हल्की बारिस में ही खोली भ्रष्टाचार की पोल
धरमजयगढ़ रेंज द्वारा सागरपुर पंचायत के हिम्मतपुर के पास नाले में 30 लाख रूपये से एक डेम का निर्माण करवाया गया है। निर्माण पूरा होने के मात्र 2 माह में ही शासन का 30 लाख रूपये को वन विभाग द्वारा पानी में बहा दिया है। डेम का निर्माण इतना घटिया किया गया की हल्की सी बरसात में ही डेम पूरी तरह टूट-फूट गया है।
क्या होगी भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही?
धरमजयगढ़ वन मंडल में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा शासकीय राशि का घटिया निर्माण कर बंदरबांट करने का सिलसिला लगातार जारी है। इन अधिकारियों द्वारा कराये गये घटिया निर्माण की जांच कर दोषी भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही होगी? नगर में जनचर्चा है कि इन भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों पर इनके उच्च अधिकारी का हाथ होता है जिसके कारण इनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच नहीं होती है। जिसका नतीजा है कि इन भ्रष्ट अधिकारियों के हौसला बुलंद हो रहे हैं और ये लोग घटिया निर्माण कर लाखों का बंदरबांट कर रहे हैं।
मुझे अभी इस बात की जानकारी मिली है कि हिम्मतपुर के पास बने डेम बारिस के कारण टूट-फूट हुआ है। मैं एसडीओ फारेस्ट से जांच करवता हूं कि डेम निर्माणाधीन है या निर्माण पूरा हो गया है, इसके बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
मणीवासगन एस, डीएफओ धरमजयगढ़
- मजेदार बात है कि डीएफओ धरमजयगढ़ ने जांच करने की बात तो कही लेकिन दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे या नहीं इस पर डीएफओ ने कुछ नहीं कहा।