भोपाल । प्रदेश की दबंग महिला मंत्री पर आरोप लगाने वाले वनकर्मी आरएस दुबे को वन विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। वनकर्मी दुबे का साफ कहना है कि मुझे मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की सजा मिली है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों वनकर्मी ने प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर वन विभाग के महू सबरेंज कार्यालय से अपने समर्थक की गाड़ी छुड़वाने का आरोप लगाए थे। बहरहाल वनकर्मी को संस्पेंड करने का कारण आउट आफ टर्न प्रमोशन के लिए फर्जी दस्तावेज लगाना बताया गया है। इसकी शिकायत अप्रैल में हुई थी। जांच कराने के बाद डीएफओ ने कार्रवाई की है। वहीं वनकर्मी के मुताबिक प्रमोशन पांच सदस्यीय एपीसीसीएफ की कमेटी ने दिया था। मुझे मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की सजा मिली है। दुबे पर चार प्रकरणों में भी जांच कराई गई है। वनकर्मी दुबे को 2012 में आउट आफ टर्न प्रमोशन मिला था, जिसमें उत्कृष्ट वन सुरक्षा, पौधारोपण को लेकर एक हजार और पांच-पांच हजार के दो इनाम और पंचायत से जुड़े प्रमाणपत्र शामिल थे। प्रस्ताव तत्कालीन सीसीएफ पीसी दुबे ने वन मुख्यालय भेजा था।
जहां एपीसीसीएफ स्तर के पांच सदस्यों की कमेटी ने जांच के बाद दुबे को प्रमोशन दिया था। इस बीच कई बार वनकर्मी मुकेश यादव ने सीएम हेल्पलाइन पर दुबे की शिकायत की। मगर अधिकारियों ने अपने स्तर पर प्रकरण खत्म कर दिया है। नौकरी का ज्यादातर हिस्सा महू में बिताने वाले यादव ने भी कई बार प्रमोशन के लिए आवेदन किया, लेकिन कमेटी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। अप्रैल 2021 में भी यादव ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। पक्ष रखने के लिए दुबे ने पूर्व सरपंच भगवान पटेल पर दस्तावेज लगाने पर जोर दिया। डीएफओ नरेंद्र पांडवा ने जांच कर प्रमोशन में गलत दस्तावेज होना बताया। पूरे मामले में डीएफओ की कार्रवाई को एकपक्षी माना जा रहा है। सीधेतौर पर उन्होंने तत्कालीन एपीसीसीएफ कमेटी को ही चुनौती दे डाली है। इस बारे में वनपाल आरएस दुबे का कहना है कि कार्रवाई बिलकुल गलत मंत्री ठाकुर को लेकर जनवरी में कार्रवाई को लेकर मुझे सजा मिली है। नौ साल में एक बार भी आउट आफ टर्न प्रमोशन की शिकायत पर जांच नहीं हुई है। यह कार्रवाई पूरी तरह गलत है। इसके लिए कोर्ट की शरण लूंगा।