भोपाल । डॉक्टरों को दिखाने के लिए प्रदेशभर के जिला अस्पतालों में अब मरीजों को भीड़ में नहीं घुसना पड़ेगा। इसका फायदा यह होगा कि डॉक्टरों के कमरों में बहुत ज्यादा भीड़ नहीं होगी। सभी मरीजों को टोकन नंबर देकर बैठाया जाएगा। बारी आने पर वह डॉक्टर के पास जाएंगे। इसके लिए ओपीडी में चिकित्सक के कमरे के बाहर इलेक्ट्रॉनिक टोकन डिस्प्ले सिस्टम लगाया जाएगा। रायसेन के जिला अस्पताल में यह प्रयोग काफी सफल रहा है। भोपाल के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ हमीदिया अस्पताल में यह सुविधा हड्डी और सर्जरी विभाग में दो साल पहले शुरू की गई है। स्वास्थ्य संचालक (अस्पताल प्रशासन) डॉ. एसके जैन ने बताया कि सभी जिलों के सिविल सर्जन और सीएमएचओ को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। अस्पतालों की रोगी कल्याण समिति के बजट से यह काम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि सभी अस्पताल अलग-अलग टेंडर करेंगे या फिर एक जगह से टेंडर किया जाएगा। इस संबंध में विशेषज्ञों और सिविल सर्जन और सीएमएचओ से भी राय ली जा रही है। इस तरह यह सुविधा शारू होने में अभी दो से तीन महीने लग जाएंगे। उन्होंने बताया कि ओपीडी के अलावा एक्सरे, सोनोग्राफी कक्ष और जांचों के लिए भी टोकन व्यवस्था लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने से डॉक्टर को जल्दी दिखाने के लिए मरीजों के बीच विवाद की स्थिति नहीं बनेगी। ओपीडी का पर्चा बनवाते ही मरीज को टोकन नंबर दे दिया जाएगा। ऐसे में मरीज को पता रहेगा कि उसका नंबर लगभग कितनी देर में आने वाला है।भीड़ नहीं होने से मरीजों को एक-दूसरे से और डॉक्टर व अन्य चिकित्साकर्मी के संक्रमित होने का खतरा नहीं रहेगा।