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887 खतरनाक वायरस की लिस्ट हुई तैयार, 30 ला सकते हैं भविष्य में महामारियां

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Coronavirus. COVID-19. 3D Render

लंदन। दुनिया के लिए घातक और विध्वंशकारी साबित हुए कोरोना वायरस (कोविड-19) से बहुत पहले ही वैज्ञानिक जूनोटिक वायरस यानी जानवरों में पाए जाने वाले वायरसों का अध्ययन करना शुरु कर चुके थे। क्योंकि इस बात का डर हमेशा से था कि जानवरों के वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। आखिरकार इंसान कई बार ऐसे वायरसों से संक्रमित भी हुए। मारे भी गए। अब एक वेब बेस्ड प्लेटफॉर्म ने दुनिया में मौजूद 887 जानवरों के वायरसों की लिस्ट बनाई है। इनमें से 30 वायरस ऐसे हैं जो भविष्य में इंसानों को बहुत ज्यादा बीमार कर सकते हैं। या दुनिया में नई महामारी फैला सकते हैं।

  इस स्टडी को करने में दस साल से ज्यादा लगे हैं। स्टडी को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की संक्रामक रोग विशेषज्ञ जोना मैजेट ने पूरा किया है। उसके बाद सबसे ज्यादा संक्रामक, खतरनाक और जानलेवा 30 वायरसों की लिस्ट बनाई गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि कौन सा वायरस किस स्तर की तबाही मचा सकता है। जोना मैजेट कहती है कि हर वायरस एक बराबर खतरनाक नहीं है। इन 30 वायरसों में कुछ ही हैं जो महामारी की ताकत रखते हैं। लेकिन बाकी कमजोर नहीं है। वो भी देश या प्रांत के स्तर पर भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इन वायरसों को संक्रामकता के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटा गया है। पहला- राष्ट्रीय या क्षेत्रीय। दूसरा- अर्धवैश्विक यानी सेमी-ग्लोबल और तीसरा- वैश्विक यानी ग्लोबल। सबसे पहले बताते हैं उन वायरसों के नाम जो किसी देश को या क्षेत्रीय स्तर पर परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इनमें कोरोना वायरस के स्ट्रेन्स भी शामिल हैं। इसके अलावा अफ्रीकी देशों में फैलने वाले इबोला वायरस भी है। लेकिन इनसे वैश्विक या अर्ध-वैश्विक महामारी का खतरा नहीं है।

राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर संक्रमण फैलाने वाले वायरस: ये वायरस हैं- लास्सा वायरस या एरेनावायरस, इबोला वायरस या फिलोवायरस, मार्बर्ग वायरस या फिलोवायरस, सार्स कोरोनावायरस, कोरोनावायरस 229ई, सार्स से संबंधित बीटा कोरोनावायरस आरपी3, यूरोपियन बैट लिसा वायरस 1 या रैब्डोवायरस, एंडीज वायरस या बुनियावायरस।

राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर इंसानों को संक्रमित करने वाले अन्य वायरस हैं – पुमाला वायरस, शेरेफॉन बैट कोरोना वायरस/केन्या/केवाय22/2006, यूरोपियन बैट लिसावायरस 2, लागुना नेग्रा वायरस, इडोलोन बैट कोरोना वायरस, कॉउपॉक्स वायरस।

अर्ध-वैश्विक स्तर पर संक्रमण फैला सकने वाले वायरस: अर्ध-वैश्विक यानी सेमी-ग्लोबल स्तर पर संक्रमण फैलाने की क्षमता रखने वाले वायरस हैं- सार्स-सीओवी-2, निपाह वायरस, सिमियन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस या रेट्रोवायरस, कोरोनावायरस प्रेडिक्ट सीओवी-35, बोर्ना डिजीस वायरस या बोर्नावायरस, लॉन्गक्वान आ माउस कोरोना वायरस, मंकीपॉक्स वायरस, कोरोनावायरस प्रेडिक्ट सीओवी-24।

वैश्विक महामारी की क्षमता रखने वाले वायरस: इन 30 वायरसों की सूची में कई ऐसे वायरस हैं, जो राष्ट्रीय स्तर से उठकर अर्ध-वैश्विक या वैश्विक महामारी की रूप ले सकते हैं। क्योंकि उनके परिवार में म्यूटेशन की ताकत है। वो कई नए वायरस खड़ा कर सकते हैं। इसलिए इस लिस्ट में कई वायरस शामिल हो सकते हैं। यह संक्रामकता और आशंका पर आधारित विश्लेषण है। वैश्विक महामारी की क्षमता रखने वाले वायरस हैं- सियोल वायरस, हैपेटाइटिस ई वायरस या हेपेवायरस, रैबीस वायरस, लिम्फोसाइटिक कोरियोमैनिनजाइटिस वायरस, सिमियन फोमी वायरस, रोउसेट्स बैट कोरोना वायरस एचकेयू9, मुरीन कोरोनावायरस, मकाउ फोमी वायरस।

इंसानों को सबसे ज्यादा खतरा किस वायरस से है? इंसान लगातार जानवरों के संपर्क में रहता है। इसलिए जानवरों के वायरस से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। जिन वायरसों से इंसान को सबसे ज्यादा खतरा है, वो हैं- सार्स-सीओवी-2 कोरोनावायरस। क्योंकि इस वायरस के डेटाबेस में पूरी दुनिया में करीब 887 वायरस शामिल हैं। दूसरा है- सिमियन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस, यह वायरस बंदरों से इंसानों में आया और इसी की वजह से एचआईवी एपिडेमिक फैला था। तीसरा है- कोरोना वायरस 229E, इस वायरस का एक अलग स्ट्रेन इंसानों में जुकाम पैदा करता है। मुरीन कोरोनावायरस ये वायरस इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसके कुछ स्ट्रेन्स की वजह से चूहों में मल्टीपल स्क्लेरोसिस देखा गया है। मकाउ फोमी वायरस ये वायरस इसलिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि इंसान और बंदरों के बीच संबंध बहुत ज्यादा है। जोना मैजेट और उनकी टीम इस बात से हैरान थी कि ये वायरस पाए तो जाते हैं जानवरों में लेकिन ये इंसानों को किसी भी स्तर तक संक्रमित कर सकते हैं। बीमार कर सकते हैं। जान भी ले सकते हैं। जोना ने इन वायरसों की संक्रामकता का अध्ययन किया 31 नए फैक्टर्स निकल कर सामने आए जो इंसानों के लिए खतरनाक है। जैसे- ये वायरस ट्रांसमिट कैसे होते है, इनके होस्ट कितने होते हैं यानी किन-किन जानवरों में मिलते हैं, ये पर्यावरण में कैसे सर्वाइव करते हैं यानी इंसानों के जरिए या अन्य माध्यमों से खुद को बचाते हैं आदि। इन फैक्टर्स पर जांच करने के बाद इन 30 वायरसों का रिस्क स्कोर 155 आया। यानी जिसका रिस्क स्कोर 155 से ज्यादा, वो उतना ज्यादा खतरनाक। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट कोलिन पैरिश ने कहा कि इस लिस्ट में कीड़ों से फैलने वाले वायरसों और घरेलू जानवरों से फैलने वाले वायरसों की भी लिस्ट शामिल है। यानी जानवरों, कीट-पतंगों से इंसानों को बीमार करने वाले या मारने वाले वायरसों की ये सबसे बेहतरीन स्टडी है। इस स्टडी को पूरा करने के लिए 13 देशों के 65 एक्सपर्ट जुटे थे। इसमें दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जहां के वायरसों को शामिल न किया गया हो। इसके अलावा उनके खतरे को भी बताया गया है। अभी तक इस स्टडी में 887 वायरसों की सूची बनाई गई है। जिनमें से सिर्फ 38 वायरसों का ही पता है जो इंसानों को बीमार कर सकते हैं। इसके अलावा 849 वायरसों के बारे में कुछ भी नहीं पता, कि ये कितने संक्रामक हो सकते हैं। या जानलेवा। लेकिन ये सभी जूनोटिक वायरस हैं यानी जानवरों में पलने-बढ़ने वाले वायरस, जो किसी भी समय इंसान के लिए खतरा बन सकते हैं। किसी नई महामारी को पैदा कर सकते हैं।

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