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तीन साल पहले हुई आठ साल की मसूम छात्रा की मौत का राज, आज भी राज ही है

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भोपाल। राजधानी के प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल रातीबढ़ मे पढने वाली आठ साल की मासूम छात्रा की संदिग्ध मौत का राज तीन साल बीतने के बाद भी राज ही बना हुआ है। इस हादसे का खुलासा राजधानी पुलिस की एसआईटी टीम काफी प्रयासो के बाद भी तीन साल गुजरने के बाद भी सामने नहीं ला सकी है। वहीं मृतका के मां-पिता ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए केस की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दो दिन पहले मामले की सीबीआई जांच कराने के आदेश किए हैं। गौरतलब है कि मासूम छात्रा की स्कूल से लौटने के बाद सदिंग्ध हालात में जान चली गई थी। परिजनों ने स्कूल में गलत काम के बाद जहर देकर हत्या किये जाने के सनसनीखेज आरोप लगाए थे। जानकारी के अनुसार आठ साल की मासूम अवधपुरी स्थित एक कॉलोनी में रहती थी।

4 जनवरी 2019 को वो रोज़ की तरह स्कूल गई थी। वहां से लौटने के बाद में स्कूल बस ने उसे अवधपुरी स्थित स्टॉप पर छोडा था। यहां से उसकी मां ने उसे अपने साथ लेकर स्कूटी से घर के लिए रवाना हुईं। रास्ते में अचानक ही बच्ची के बेहोश होने का अहसास होने पर मां ने गाड़ी रोकी। तभी बच्ची की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। उसे तुरंत ही इलाज के लिये पालीवाल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना परिवार वालो ने पुलिस को दी और मर्ग कायम कराया। पीएम के बाद मासूम का शव अगले दिन परिजनों को सौंप दिया गया। पीएम रिपोर्ट में बच्ची के पेट में आर्गेनिक पाइजन होने का खुलासा हुआ। बिसरा परीक्षण में भी इसी की पुष्टी की गई। वहीं बच्ची के मां पिता को गलत काम के बाद जहर देकर हत्या करने का संदेह था। जिसके बाद में मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने भी अवधपुरी थाना पुलिस की जांच को सही पाते हुए बच्ची की मौत आर्गेनिक पाइजन से होने की पुष्टी की। हालांकि मासूम के मां पिता इससे संतुष्ट नहीं थे, और उन्होंने पुलिस पर लीपापोती के आरोप लगाते हुए नेशनल चाइल्ड प्रोटेक्शन कमीशन में शिकायत की। नेशनल चाइल्ड प्रोटेक्शन कमीशन में पूरे मामले की सुनवाई की गई। मौत से कुछ देर पहले स्कूल में बच्ची ने कुछ पैन्टिंग तैयार की थीं। जिसे मां-पिता ने सुनवाई के दौरान कमीशन को सौंपा, पैन्टिंग की एक्पर्ट जांच एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों ने की। जिससे यह पता लगाया जा सके कि बच्ची के दिमाग में मौत के पहले क्या चल रहा था। विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में लिखा कि मौत के पूर्व बच्ची को सैक्सुअल एब्यूज किया गया था। वहीं मृतका के परिजनों के आरोप है, कि स्कूल मालिकों के प्रभाव में अब तक उचित कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल में गलत काम के बाद बच्ची को जहर दिया गया था।

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