धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
वनमंडल धरमजयगढ़ के ग्रामीण इलाकों में खेती करने वाले किसानों की समस्याएं कम होने के बजाय दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। फिलहाल के दिनों में हुई एक हथनी की मौत की वजह करंट लगने से बताई जा रही है। जिसकी पुष्टि डॉक्टर ने भी कर दी है। इसी तरह और भी कई जंगली हाथी तथा इंसानों के खून से लाल हो चुकी है। जिस पर स्थानीय प्रशासन कोई विशेष कदम उठाता नजर नहीं आता। बस इंसान मरा तो मुआवजे का मरहम और हाथी मरा तो ग्रामीण को जेल भेजो। बहरहाल हम बात कर रहे हैं धरमजयगढ़ वन मंडल के किसानों की जो परिवार का पेट पालने मजबूरी में फसल उगा रहे हैं। जो इस वीडियो में दिख रहा है। अपने फसल की रखवाली करने बनाहर के ग्रामीण पेड़ों पर घर बनाकर ऊपर रहते हैं। और अपने फसल की रखवाली करते हैं।
ऐसे में कई बार इनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। कभी जंगली हाथी वहां पहुचकर उनकी फसल चट कर देते हैं। तो कभी इनके खतों में करंट लगने से मौत हो जाती है। और बेकसूर खेत मालिक को जेल भेज दिया जाता है। विभाग अपने ऊपर कोई जिम्मेदारी नही लेना चाहता हर बार दोष खेत मालिक का होता है। वहीं इस मामले में जब भी विभाग के अधिकारियों से पक्ष जानना चाहते हैं तो अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों के रहते हम कुछ नही कह सकते जवाब देकर सारी खामियों पर पर्दा गिरा देते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने विभाग जनप्रतिनिधि और तमाम संगठन असफल हो रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों के किसानो को जंगली हाथियों के दहशत मे पेड़ो पर मचान बनाकर और अपनी जान दांव पर लगाकर दिन गुजार रहे हैं।