धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
आदिवासी की जमीन फर्जी तरीके से हड़प लेने के मामले में फरार चल रहे डॉक्टर खुर्शीद खान व भाई नूरउल्ला खान की अग्रिम जमानत रायगढ़ न्यायालय ने आज खारीज कर दिया। बताना लाजमी होगा कि विवादित डॉक्टर खुर्शीद खान और उनके दो भाई द्वारा एक आदिवासी परिवार की जमीन को धोखाधड़ी कर अपने नाम पर रजिस्ट्री करवा लिया था। आयुर्वेदिक डॉक्टर, विद्युत सब इंजीनियर और कार्यारोपण अधिकारी मिलकर एक आदिवासी महिला से जमीन हड़पने के सनसनीखेज मामले में आज दो आरोपियों की अग्रिम जमानत पर अदालत का फैसला आ गया है। रायगढ़ अदलत ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर खुर्शीद खान और नूरउल्ला खान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। आरोपी डॉक्टर खुर्शीद खान बायसी पीएससी में डॉक्टर के पद पर पदस्थ हैं और दूसरा आरोपी नूरउल्ला खान जनपद पंचायत धरमजयगढ़ में कार्यारोपण अधिकारी है। अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद दोनों आरोपियों पर अब गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दे वर्ष 2012 में धरमजयगढ़ के एक गांव खम्हार में रहने वाली आदिवासी महिला चारमती की धरमजयगढ़ में तुर्रापारा में 18381 स्क्वायर फुट बेशकीमती जमीन को आयुर्वेदिक डॉक्टर खुर्शीद खान और उनके भाई अमीर उल्ला खान, नूरउल्ला खान द्वारा पीडि़त महिला से जमीन की फौती दर्ज कराने के नाम पर कोरे स्टांप पेपर पर उसके अंगूठे का निशान ले लिया गया। इस कोरे स्टांप पर आरोपी पक्ष ने अपने निजी अस्पताल के कर्मचारी मृणाल मल्लिक को पीडि़त महिला और उसके सह खातेदार का नाम मुख्तियार बना दिया। इसके बाद सारी जमीन डॉक्टर ने अपने और अपने भाई के नाम रजिस्ट्री करवाकर हड़प ली। महिला द्वारा इनके खिलाफ कई जगह 9 साल तक चक्कर काटने के बाद न्याय के लिए अदालत का शरण में आना पड़ा अदालत में पीडि़ता के तरफ से सीनियर अधिवक्ता अशोक मिश्रा के निर्देशन में अधिवक्ता अशीष मिश्रा द्वारा मुकदमा किया गया था। 4 माह में ही न्यायालय के आदेश के बाद डॉक्टर खुर्शीद खान और उनके भाई अमीर उल्ला खान, नूरउल्ला खान और अपने निजी अस्पताल के कर्मचारी मृणाल मल्लिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 294, 506, एक्ट्रोसिटी एक्ट 3(1) (5) और 3(1) 10 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।