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अपनी और अपनों की जान बचाने का जज्बा

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भोपाल। धन्य है मध्यप्रदेश की जनता, जिसने वैश्विक महामारी कोरोना से अपनी और अपनों की जान बचाने के लिये कोरोना वैक्सीन को व्यापक पैमाने पर स्वीकार किया। मात्र एक दिन में 16 लाख 95 हजार लोगों ने कोरोना से बचने के लिये वैक्सीन का सुरक्षा कवच प्राप्त कर न केवल अपनी और अपनों की जान बचाने का प्रण लिया बल्कि पूरे देश को जन-सहभागिता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। प्रदेशवासियों के इस जज्बे को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है।

‘कोरोना से जंग है जारी, आओं निभाए अपनी जिम्मेदारी’ इस भावना के साथ प्रदेश में 21 जून 2021 को टीकाकरण महाअभियान आयोजित किया गया। अभियान के सफल संचालन में राज्य सरकार की जन-भागीदारी रणनीति को पूरे प्रदेश में सहज स्वीकारा गया। इस अभियान में शहरी लोंगों के साथ ग्रामीणों ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में जो भूमिका निभाई वह तारीफे काबिल है। शायद ही ऐसा कोई वर्ग छूटा होगा, जिसने टीकाकरण महाअभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित न की हो। परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेश ने एक दिन में वैक्सीनेशन का राष्ट्रीय रिकार्ड बना दिया।

– महाअभियान को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में अपनाया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर प्रदेशवासियों ने टीकाकरण महाअभियान को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में अपनाया। महाअभियान के लिये प्रदेश में 7 हजार वैक्सीनेशन सेंटर बनाये गये थे। इन सभी केन्द्रों पर आम नागरिकों ने जिस उत्साह से भाग लिया, वह अपने आप में एक रिकार्ड बनकर सामने आया। प्रदेश की शहरी और ग्रामीण आबादी भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये स्व-प्रेरणा से अभियान में सहभागी बनी। महाअभियान में सहयोग देने वालों की सूची इतनी लंबी रही कि उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अभियान के मुख्य प्रेरक प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री चौहान थे, जिन्होंने प्रत्येक नागरिक को टीकाकरण प्रेरक बनने के लिये प्रोत्साहित किया। इस अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में जागरूकता और जन-सहभागिता का सैलाब उमड़ पड़ा। मंत्रि-परिषद के सदस्यों, सांसदों, विधायकों और अन्य जन-प्रतिनिधियों सहित प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों, मीडिया प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने भी अपील जारी कर लोगों को वैक्सीन लगवाने की अपील की।

– जन-भागीदारी मॉडल की हुई सराहना

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शासन-प्रशासन के कार्यों में जिस तरह से जन-भागीदारी को बढ़ावा दिया है। उसे प्रदेश की जनता ने सहज रूप से स्वीकारतें हुए अच्छे परिणाम भी दिये हैं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी प्रदेशवासियों ने राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जब प्रदेश में चरम पर था, उस समय आमजन और सामाजिक संस्थाओं ने कोरोना वॉलेंटियर्स के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संकट काल में जन-भागीदारी से हुए अभूतपूर्व कार्यों ने मध्यप्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल को पूरे देश में अनुकरणीय बनाया। अनेक राज्यों ने मध्यप्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल को अपने राज्य में अपनाने का मन बनाया है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीकाकरण महाअभियान से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त्करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से हम प्रदेश को कोरोना से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वैक्सीनेशन से छूटे हर व्यक्ति को वैक्सीन लगवाना सुनिश्चित किया जाना है, इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों में सभी सहभागी बने। हमें कोरोना की संभावित तीसरी लहर के प्रति सजग और सतर्क रहना है। प्रदेश में अग्रिम रूप से सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। जरूरत इस बात की है कि सभी लोग कोरोना संक्रमण के लिये जारी प्रोटोकाल का पालन करें और कोविड-19 नियंत्रण अनुकूल व्यवहार को अपने जीवन में उतारें। 

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