भोपाल। शहर के विभिन्न क्षेत्रों, अति संवेदनशील क्षेत्रों, स्लम एरिया और अन्य बस्तियों में डेंगू लार्वा, मलेरिया, रैपिड टेस्ट, ब्लड स्लाइड कलेक्शन और कोरोना से बचाव की जानकारी आदि का कार्य व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए विभिन्न क्षेत्रों में दल नियुक्त कर अभियान चलाया जा रहा है। भोपाल जिले में 533 लोगों की रेपिड टेस्ट से मलेरिया की जाँच की गई। जिनमें भोपाल शहर में 414 और बैरसिया में 43 से अधिक लोगों की मलेरिया जांच के लिए नमूने लिए गए। सभी जोन की टीमों द्वारा भोपाल शहर के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में वाहक जनित रोगों के नियंत्रण हेतु फीवर सर्वे, रक्तपट्टी संग्रह, लार्वा सर्वे, लार्वा विनिष्टिकरण एवं प्रचार प्रसार किया गय।
जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे के निर्देशन में मलेरिया विभाग और एम्बेड टीम फैमिली हेल्थ इंडिया के द्वारा संयुक्त रूप से विजिट की जिसमे एसओएस बाल ग्राम खजूरी कलां में मलेरिया विभाग के द्वारा प्रत्यके घर मे कूलर को चेक किया साथ ही कंटेनर, पक्षियों को पानी पीने के स्थान को देखा एवं पानी को खाली कराया गया।
इस दौरान टीम के द्वारा बालग्राम में गंबूझिया मछली डाली गई तथा संस्था के प्रमुख दीपक सक्सेना से सभी कूलर का हर सप्ताह खाली कराने हेतु कहा। इस दौरान टीम के द्वारा सभी बच्चों की मलेरिया हेतु खून की जांच गई। इस दौरान जिला मलेरिया सलाहकार श्रीमती रुचि सिलाकारी, जिला समन्वयक एम्बेड परियोजना डॉ.संतोष भार्गव, मलेरिया निरीक्षक श्रीमती उर्मिला सिंह के द्वारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र पूर्वांचल खजूरी कलां पर भ्रमण किया जहां, एन्टीमलेरियल दवाओं की उपलब्धता एवं नियमित जांच हेतु बात कही, इस दौरान लैब तकनीशियन प्रह्लाद सिंह को समस्त रिकॉर्ड संधारण करने हेतु जिला सलाहकार द्वारा निर्देशित किया गया।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू के लार्वा के लिए 31 टीमों का दल नियुक्त किया गया है जिनके द्वारा 998 घरों का सर्वे कर किया गया और 74 घरों में लार्वा पाया गया। अलग अलग जगहों पर 8 हजार से अधिक अधिक बर्तनों में लार्वा सर्वे किया गया, जिसमें केवल 83 बर्तनों में लार्वा पाया गया। डेंगू के लार्वा को टेमोफॉस डाल कर नष्ट किया गया।