भोपाल । दूरदर्शन की शर्त के कारण प्रदेश के दसवीं व बारहवीं के 15 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ाई से वंचित हो गए हैं। अभी भी अगर ये शर्त नहीं हटाई तो एक जुलाई से भी विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरु हो पाना संभव नहीं होगा। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना के चलते पिछले साल दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों की पढ़ाई दूरदर्शन के माध्यम से करवाई थी। विभाग ने दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों की क्लास दूरदर्शन के माध्यम से करवाने का अनुबंध किया है। विभाग द्वारा पैन ड्राइव के माध्यम से चैप्टर वाइस वीडियो दूरदर्शन को उपलब्ध करवाए जाते थे। दूरदर्शन द्वारा इन्हें प्रसारित किया जाता था। इस बार दसवीं व बारहवीं की क्लास 15 जून से दूरदर्शन पर शुरू होना थी। इसके पहले ही दूरदर्शन ने एक शर्त लगाकर प्रसारण को रोक दिया। दूरदर्शन का कहना है कि एपिसोड बीआरडी (ब्लू रेड डिस्क) में मिलेंगे। तभी इनका प्रसारण किया जाएगा। पैन ड्राइव में मिले वीडियो से प्रसारण नहीं किया जाएगा, जबकि बीआरडी की सुविधा मप्र में कुछ खास लोगों के पास है। स्कूल शिक्षा विभाग के पास बीआरडी की सुविधा नहीं होने के कारण 15 जून से क्लास शुरू नहीं हो पाई। अब विभाग द्वारा एक जुलाई से दूरदर्शन पर क्लास शुरू करने की बात कही जा रही है, जबकि खास बात यह है कि बीआरडी की सुविधा स्कूल शिक्षा विभाग के पास नहीं होने पर एक जुलाई से भी क्लास शुरू पाना मुश्किल है। ऐसे में दूरदर्शन के माध्यम से दसवीं व बारहवीं की पढ़ाई शुरू होना थी, लेकिन दूरदर्शन की शर्त के कारण खासकर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित होने लगे है।सभी निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई वाट्सएप गु्रप के माध्यम से शुरू हो गई है। वहीं केंद्रीय विद्यालयों की पढ़ाई भी 20 जून से शुरू कर दी गई है। शहरी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई शुरू हुई है, लेकिन जिन विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन नहीं है, वे पढ़ाई से वंचित है।