भोपाल । नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में इंजीनियर्स की संविदा नियुक्ति के लिए निकाला गया एक विज्ञापन विवाद में घिर गया है। बात इतनी बढ़ गई कि इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मसला ये है कि प्राधिकरण में सेवानिवृत्त इंजीनियर्स को भर्ती किया जाना है जो युवा बेरोजगारों को नागवार गुजर गया है। दरअसल, एनवीडीए ने सेवानिवृत्त इंजीनियर्स के लिए संविदा नियुक्ति निकाली है।
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर भर्ती प्रक्रिया को आदेश के अधीन करने के निर्देश दिए हैं।
बुज़ुर्गों को नहीं युवाओं को दें मौका
जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने 18 मार्च 2021 को निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के लिए इंजीनियर्स भर्ती विज्ञापन जारी किया। इसमें नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री के पदों पर संविदा नियुक्ति के लिए सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों से के आवेदन मांगे गए हैं। प्राधिकरण की ओर से उपयंत्री के 206 समेत कुल 287 इंजीनियर की भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि प्राधिकरण का ये विज्ञापन असंवैधानिक है। नए और युवा इंजीनियर्स को भर्ती करने की बजाए रिटायर्ड इंजीनियर को भर्ती करना न्याय संगत नहीं है। प्राधिकरण को नए और युवा इंजीनियर को मौका देना चाहिए।संविदा पर नियुक्ति के लिए रिटायर्ड इंजीनियर की बजाय नए इंजीनियर को भर्ती किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
याचिका में उठाए गए तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट के आदेशों के अधीन रखने के निर्देश जारी किए हैं। लंबे समये से नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में किसी की भी स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में अलग अलग कुल मिलाकर 287 पद खाली हैं। इन्हीं पर सेवानिवृत्त इंजीनियर्स को संविदा नियुक्ति देने के लिए विभाग ने विज्ञापन निकाला है।