भोपाल । मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों के लिए नीति जल्द आने वाली है। संभवत: नई तबादला नीति चालू सप्ताह में आ सकती है। सूत्रों की माने तो प्रस्तावित नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें जो संशोधन सुझाए गए थे, उन्हें शामिल करते हुए मसौदा मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा गय था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नीति जल्द जारी हो जाएगी। नई तबादला नीति में उन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री नहीं कर पाएंगे, जिनके स्थानांतरण मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से हुए थे। ऐसे मामलों का निराकरण राज्य स्तर से ही होगा। यह प्रविधान नीति में इसलिए प्रस्तावित किया जा रहा है ताकि पूर्व में जिस आधार पर स्थानांतरण का निर्णय लिया गया था वह संज्ञान में रहे। प्रथम श्रेणी के अधिकारी यदि तबादले से संतुष्ट नहीं हैं तो उनके आवेदन का निराकरण मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के स्तर से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध अवधि में जितने भी स्थानांतरण हुए हैं, वे सभी मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से हुए हैं। इस स्तर तक प्रकरण आने का मतलब है कि उसके पीछे कोई न कोई कारण है, इसलिए ऐसे मामले में यदि तबादला किया जाना है तो उसके लिए समन्वय में ही प्रकरण भेजना होगा। प्रभारी मंत्री जिले में सीधे कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। प्रथम श्रेणी के अधिकारी यदि अपने तबादले से संतुष्ट नहीं हैं तो उसकी सुनवाई की व्यवस्था भी नीति में बनाई जा रही है। ऐसे अधिकारी अपना आवेदन देंगे, जिसका निराकरण मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के स्तर से किया जाएगा। कोरोना संक्रमण से प्रभावित रहे कर्मचारी को तबादला उसकी इच्छा के बगैर नहीं होगा। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रस्तावित नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुके है। इसमें जो संशोधन सुझाए गए थे, उन्हें शामिल करते हुए मसौदा मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नीति जल्द जारी हो जाएगी। बहरहाल दो साल से तबादलों का इंतजार कर रहे सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए यह राहत भरी खबर है कि नई तबादला नीति चालू सप्ताह में ही आए जाएगी।