भोपाल । राजधानी का हबीबगंज रेलवे स्टेशन नई साज-सज्जा और सुविधाओं के साथ बनकर तैयार है। स्टेशन परिसर में सिनेमा, शॉपिंग मॉल, बजट होटल और पांच सितारा अस्पताल के बनने का इंतजार अभी बाकी है। जब चार प्रमुख सुविधाएं मिलने लगेंगी, तब यह स्टेशन देश में अपनी तरह का पहला निजी स्टेशन होगा। रेलवे ने हबीबगंज को निजी हाथों में दिया है। बदले में निजी डेवलपर कंपनी बंसल पाथ-वे हबीबगंज प्राइवेट लिमिटेड 400 करोड़ से स्टेशन को विकसित कर रहा है। चार साल से काम चल रहा है। यात्री सुविधा से जुड़े सभी काम पूरे हो गए हैं। इस स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। गुजरात के गांधीनगर स्टेशन को इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कार्पोरेशन (आईआरएसडीसी) व गुजरात सरकार ने मिलकर विकसित किया है। स्टेशन पर बहुमंजिला भवन बनाया है, जो रेलवे ट्रैक के ऊपर है। डोम आकार के शेड से प्लेटफार्मों को कवर्ड किया है।
गांधीनगर रेलवे स्टेशन की तुलना में हबीबगंज में अतिरिक्त सुविधाएं होंगी, जो सबसे अलग हैं। यहां ट्रैक के उपर बहुमंजिला इमारत तो नहीं है, लेकिन ट्रैक के उपर एयर कॉन्कोर बनाया है। इस पर 700 से अधिक यात्री बैठ सकेंगे। पांच प्लेटफार्म हैं, जिन्हें अलग-अलग शेडों से कवर्ड किया है। दोनों तरफ दो मुख्य भवन बनाए हैं, जिनमें यात्री सुविधाएं जैसे मेडिकल शॉप, वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम, टिकट घर समेत जरूरत के स्टेशन स्टॉल होंगे। स्टेशन पर प्रवेश करने और ट्रेनों से उतरकर बाहर निकलने वाले यात्री एक-दूसरे से नहीं टकराएंगे। प्रवेश करने वाले यात्री दोनों तरफ मुख्य भवनों से प्रवेश करेंगे। लिफ्ट, ट्रेवलेटर, एस्केलेटर से एयर कॉन्कोर पर पहुंचेंगे। वहां आराम करेंगे और ट्रेन के आने पर प्लेटफार्म पर उतरकर यात्रा शुरू करेंगे। दूसरें शहरों से हबीबगंज पहुंचने वाले यात्री ट्रेन से उतरेंगे, दो अंडरग्राउंड सब-वे से दोनों तरफ बाहर निकल जाएंगे। इस बारे में आईआरएसडीसी, हबीबगंज के उप महाप्रबंधक राजेश मंडलोई का कहना है कि स्टेशन पूरी तरह तैयार है। जैसे ही यात्रियों का दबाव बढ़ेगा, लिफ्ट, ट्रेवलेटर, एस्केलेटर शुरू कर देंगे। अभी न के बराबर यात्री आ रहे हैं, इसलिए ये सुविधाएं बंद हैं। सिनेमा, शॉपिंग मॉल, अस्पताल के लिए भवन निर्माण का काम चल रहा है।