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मजदूरी छोड़ जड़ी-बूटी इकट्ठा कर शुरू किया दवाई व्यवसाय, 44 लाख रूपए का बना कारोबार

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कोरबा कोरबा जिले के पाली तहसील के डोंगानाला गांव की सरोज पटेल और उनकी हरीबोल स्व सहायता समूह ने जंगल में मिलने वाली जड़ी-बूटियों, फूल पत्तियों आदि को गरीबी को जड़ से हटाने का माध्यम बना लिया है। कोरबा जिले में 104 करोड़ रूपए के विकास कार्यों के वर्चुअल लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम में श्रीमती सरोज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनी सफलता की कहानी सुनाई। सरोज पटेल और उनके समूह की दूसरी महिलाओं ने अब रोजी-मजदूरी छोड़कर जड़ी-बूटी संग्रहण कर वनौषधियों का 44 लाख रूपए का सालाना कारोबार खड़ा कर लिया है। सरोज पटेल ने अपने गांव की दूसरी महिलाओं को भी समूह में इस काम से जोड़कर आर्थिक मजबूती की ओर अग्रसर कर रहीं हैं। हरीबोल स्वसहायता समूह इस कारोबार को अगले साल तक ढाई करोड़ रूपए प्रतिवर्ष के टर्न ओवर तक बढ़ाने की योजना भी बना चुका है। समूह की सफलता की कहानी सुनकर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी ताली बजाकर महिलाओं की हौसला अफजाई की और व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव शासकीय मदद का आश्वासन दिया।

     कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल को श्रीमती सरोज ने बताया कि तहसील पाली के ग्राम डोंगानाला में हरिबोल स्व सहायता समूह बनाकर वन औषधि प्रसंस्करण केन्द्र में दवाई बनाने का काम शुरू किया है। महिलाएं जंगलों से जड़ी-बूटी इकट्ठा करके 18 किस्म की दवाईयां बना रहीं हैं। सरोज ने बताया कि उनके समूह में 12 महिला हैं वर्ष 2020-21 में समूह की महिलाओं ने 44 लाख रूपए का कारोबार किया, जिसमें से 20 लाख रूपए की शुद्ध आवक हुई है। सरोज ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि पहले महिलाओं द्वारा गांव में मजदूरी काम करके एक महीने में केवल 500 से 600 रूपए तक आमदनी हो पाती थी। वर्तमान में कच्चे वनौषधि संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विक्रय कर प्रत्येक महिला सदस्यों को लगभग एक लाख 71 हजार रूपए प्रति वर्ष की आमदनी प्राप्त हो रही है।

     श्रीमती सरोज ने बताया कि वन प्रसंस्करण केन्द्र में मुधमेह नाशक दवाईयों, सर्दी-खांसी, त्वचा संबंधी, इम्यूनिटी बूस्टर आदि दवाईयों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समूह में जुडकर तथा दवाईयां बनाकर सभी महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। सभी के परिवार के सदस्यों तथा बच्चों का पालन पोषण अच्छे से हो पा रहा है। सरोज ने बताया कि 30 रूपए रोजी से शुरू कर 200 रूपए प्रतिदिन की आवक सभी महिलाएं प्राप्त कर रहीं हैं। समूह की महिलाएं व्यवसाय को आगे बढ़ाकर अगले वर्ष दो से ढाई करोड़ रूपए का करोबार करने योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने पाली की इन महिलाओं को इतने बड़े पैमाने पर जड़ी-बूटी से दवाईयां बनाकर बड़ा कारोबार खड़ा करने की जानकारी मिलने पर आश्चर्य मिश्रित प्रसन्नता जाहिर की और सरोज तथा समूह की महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

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