धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा एवं युवा मोर्चा द्वारा विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में भूपेश सरकार के आधे कार्यकाल पूर्ण होने पर कांग्रेस द्वारा जारी की गई घोषणा पत्र पर अब तक अमल ना करने के संबंध में स्थानीय विधायक लालजीत सिंह राठिया को उनके कार्यालय में जाकर ज्ञापन सौंपने का काम किया। ज्ञापन सौपने के पूर्व सभी नेता स्थानीय दुर्गा मंच में एकत्रित हो कर रैली के माध्यम से रायगढ़ रोड सहित विधायक कार्यालय में भाजपाई पहुंचे। अनुसूचित जनजाति मोर्चा की ओर से अतिथि के रूप में प्रदेश राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य श्रीकांत सोमावार विशेष रूप से उपस्थित रहे इस दौरान विधानसभा के प्रमुख आदिवासी नेतागण लीनव राठिया, राधेश्याम राठिया, रजनी राठिया, हरिश्चंद्र राठिया, संतोष राठिया, रामनाथ बैगा एवं डाल मंडल के अजजा मंडल अध्यक्ष, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष, मण्डल धर्मजयगढ़ के अध्यक्ष गोकुल नारायण यादव ने दी। सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस ज्ञापन के माध्यम से भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा छत्तीसगढ़ प्रदेश के हम सब कार्यकर्ता प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरा होने के बाद भी कांग्रेस द्वारा आदिवासी समाज से किये गये घोषणा व वादों को पूरा ना कर पाने की तरफ आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं। विधानसभा चुनाव के पूर्व आपकी कांग्रेस पार्टी ने अपने जन घोषणा पत्र में आदिवासियों को आकर्षित करने के लिये जो लोक-लुभावन घोषणा किया गया था जिसके परिणाम स्वरूप अजजाआरक्षित 29 में से 27 सीट तथा 3 सामान्य सीट से भी अजजा वर्ग के कांग्रेस विधायक चुनाव जीते परंतु दुर्भाग्यवश कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद भी आदिवासी वर्ग से किये गये घोषणा और वादों पर अब तक कोई सकारात्मक पहल प्रारंभ नहीं की गई है और ना ही आप 30 कांग्रेस के अजजा विधायकों द्वारा घोषणा को पूरा कराने की दिशा में कोई आवाज उठाई गई है। ढाई साल के भूपेश बघेल सरकार की इस बेरुखी से आदिवासी वर्ग आहत है और सत्तापक्ष के आप विधायकों की चुप्पी से ऐसा लग रहा है। आप कुम्भकर्णी निद्रा में मग्न हैं। आपको आपकी निद्रा से जगाने के लिये अनुसूचित जनजाति मोर्चा सजग है और आपसे मांग करती है कि अपने जन घोषणा पत्र व वादों के निम्न मांगों पर भूपेश बघेल सरकार से तत्काल क्रियान्वयन की दिशा में पहल करें। कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में वन अधिकार पूर्णत: लागू करते हुये समर्थन मूल्य पर एक-एक दाना लघु वनोपज की खरीदी का वादा किया गया था परंतु धरातल पर स्थिति बिल्कुल अलग है। लघु वनोपज की खरीदी के लिये प्रदेश शासन ने कोई नीति नहीं बनाई है और ना ही अधिकारियों को कोई दिशा-निर्देश जारी किया गया है। भाजपा सरकार में हरा सोना कहा जाने वाले तेंदूपत्ता की खरीदी लगभग 10 दिनों तक होती थी। तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस, चरण पादुका और जीवन बीमा प्रदान किया जाता था। संग्राहक परिवार के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती थी परंतु कांग्रेस की सरकार में ये सब सुविधाएं बैंड के दी गई। तेंदूपत्ता की खरीदी भी मात्र एक और दो दिन ही की गईए जिसके कारण संग्राहक आदिवासी परिवारों को अपना तेंदूपत्ता औने-पौने दाम पर दलालों को बेचने के लिये मजबूर होना पड़ा। अपने जन घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि वनाधिकार के सभी निरस्त आवेदनों पर पुन: सुनवाई करते हुए सभी को व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र प्रदान किया जायेगा। प्रदेश में लगभग 5 लाख आदिवासी परिवारों के वनाधिकार तकनीकी कारणों से निरस्त हुये थे। आज दिनांक तक वनाधिकार पत्र प्रदान करने की दिशा में शासन के तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिसके कारण 5 लाख आदिवासी परिवार अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून को पूर्णत: लागू करने की घोषणा की थी परंतु ढाई साल के इस शासनकाल में पैसा कानून का सर्वाधिक उल्लंघन किया जा रहा है।
भाजपा शासनकाल में रेत सहित अन्य गया गौण खनिजों का प्रबंधन ग्रामसभा की अनुमति से ग्राम पंचायत करता था परंतु कांग्रेस की सरकार आने के बाद से रेत खदानों की नीलामी खनिज विभाग के माध्यम से प्रारंभ करवाई गई, ये पेसा कानून का उल्लंघन है। इस निर्णय से प्रदेश में रेत माफि या सक्रिय हो गये। इसी प्रकार कृषि भूमि संबंधित छोटे-छोटे कार्य जैसे कृषक की मृत्यु पश्चात फ ौती उठानाए नामांतरण.बटांकन जैसे कार्य भाजपा शासन में ग्रामसभा की अनुमति से पटवारी द्वारा किया जाता था परंतु कांग्रेस की इस सरकार में ये कार्य अब तहसीलदार कर रहे हैं। यह भी पेसा कानून के उल्लंघन के साथ-साथ ग्रामसभा के अधिकारों का हनन है। कांग्रेस ने आदिवासी समाज से वादा किया था कि सरकार में आते ही 100 दिन के अंदर फ र्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों पर वैधानिक कार्यवाही करते हुये उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त किया जायेगा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों पर भी अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाई है। उपरोक्त ज्वलंत मुद्दों पर आप भी आदिवासी जनप्रतिनिधि होने के नाते भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से अपने जन घोषणा पत्र के अनुरूप निर्णय एवं समाधान करवाने की पहल करेंगे।