बिलासपुर । मरवाही क्षेत्र के सेमरदर्री के पास सिंगार बहरा रोड में मिली युवक की अधजली लाश की गुत्थी पुलिस से सुलझा ली है। फिरौती के लिए दोस्तों ने ही उसका अपहरण किया था। बाद में पकड़े जाने के डर से हत्या कर फरार हो गए। मामले में पुलिस ने चार आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही थाना के प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि 15 जून की सुबह सेमरदर्री के पास सिंगार बहरा रोड के किनारे जंगल में अधजली लाश मिली थी। पुलिस ने आसपास के जिलों में शव की जानकारी भेजी गई। इसके बाद शव की पहचान कोरिया जिले के खोंगापानी एकता नगर थाना झगराखांड निवासी राघवेंद्र पटेल पिता गणपति पटेल(34) के रूप में हुई।
जांच के दौरान पता चला कि मृतक के स्वजन ने झगराखांड थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत की थी। जांच में साइबर सेल को घटना स्थल पर खोंगापानी के ऋषि रैदास का लोकेशन मिला। मृतक की उससे दोस्ती भी थी। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। सख्ती करने पर ऋषि टूट गया और अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि राघवेंद्र के पिता हाल ही में एसईसीएल से रिटायर हुए थे।
रिटायरमेंट पर उन्हें बड़ी राशि मिली थी। इसे हड़पने के लिए ऋषि और उसके साथियों ने राघवेंद्र के अपहरण की योजना बनाई। इसके बाद उन्होंने 14 जून की शाम राघवेंद्र को बिलासपुर काम से चलने कहा था। इस पर राघवेंद्र ऋषि और उसके साथियों के साथ कार में बैठकर बिलासपुर की ओर आ रहा था। रास्ते में राघवेंद्र के साथ ऋषि और उसके साथी काजल कुमार मन्ना(45) निवासी कपिलधारा कालोनी थाना बिजुरी, रविशंकर श्रीवास्तव(37) निवासी खोंगापानी, संतोष चौधरी(29) निवासी खोंगापानी ने शराब पी।
शराब पिलाने के बाद युवकों ने पकड़े जाने के डर सताने लगा। उन्होंने राघवेंद्र की हत्या कर शव जलाने का निर्णय लिया। इससे शव की पहचान नहीं होती और वे आसानी से फिरौती मांग लेते। इस पर काजल मन्ना और संतोष चौधरी ने गला दबाकर युवकी की हत्या कर दी।
हत्या के बाद संतोष अपनी स्कूटी से घर लौट गया। वहीं, ऋषि और उसके साथी शव को कार की डिक्की में डालकर सिंगार बहरा के पास आए। यहां सुनसान जगह पर शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसके बाद युवक वहां से फरार हो गए। ऋषि से मिली जानकारी पर पुलिस ने चारों आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।