भोपाल । राजधानी भोपाल में स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) अब फेल विद्यार्थियों का संशोधित परीक्षा परिणाम जारी करेगा। आरजीपीवी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। मालूम हो कि विवि ने 300 विद्यार्थियों की कॉपियां ही गुमा दीं और उन्हें अनुपस्थित बताकर फेल कर दिया। जब मामले में संबंधित विद्यार्थियों ने शिकायत की तो मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद विवि प्रशासन ने आनन-फानन जांच कराई और अपनी गलती मानते हुए फेल विद्यार्थियों की कॉपियों को ढ़ूंढ निकाला। अब इनका मूल्यांकन करवाकर संशोधित परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा। आरजीपीवी ने बीई तीसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं का रिजल्ट चार माह की देरी से शनिवार को जारी किया था, लेकिन उसमें भी गड़बड़ी कर दी। इस बारे में आरजीपीवी के कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि विद्यार्थियों ने कापियां जमा की थीं, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण ऐसा हुआ है।
विद्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। दरअसल, विवि ने इस बार ओपन बुक पद्धति से परीक्षा ली थी। परीक्षा के बाद कुछ विद्यार्थियों ने अपनी कॉपियां नोडल केंद्रों पर जमा कराईं तो कुछ ने स्कैन कर पोर्टल पर भेजीं, लेकिन विवि इन कॉपियों का मूल्यांकन ही नहीं करा सका है। इस कारण 300 विद्यार्थियों को अनुपस्थित बताकर फेल कर दिया गया। हालांकि विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने अपनी कापियां स्कैन कर विवि के पोर्टल पर भेजी थीं, जो विवि तक नहीं पहुंच सकी हैं। इसके अलावा नोडल केंद्रों पर जमा की गई कॉपियां भी विवि नहीं पहुंच सकी हैं। बता दें कि इस परीक्षा में 25 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे। इसमें से करीब डेढ़ हजार विद्यार्थी अनुपस्थित रहे और 300 को फेल कर दिया गया। उधर, विवि प्रशासन का इस मामले में अलग ही तर्क है। उसके अनुसार परीक्षा के समय रहे परीक्षा नियंत्रक की कोरोना के मौत हो गई थी, इस कारण यह गड़बड़ी हुई। जबकि वर्तमान परीक्षा नियंत्रक प्रभात पटेल इसे प्रोफेसरों की गलती बता रहे हैं। पटेल का कहना है कि पोर्टल पर भेजी गई कॉपियों में प्रोफेसरों ने रोल नंबर गलत अंकित कर दिया था। इस कारण गड़बड़ी हुई।