भोपाल । मनमाने बिजली बिलों की समस्या से जूझ रहे उपभोक्ताओं को पूर्व क्षेत्र कंपनी अब राहत देने की तैयारी में है। कंपनी ने अब बिलिंग साफ्टवेयर में बदलाव कर चेकिंग पाइंट तैयार किया है जो असामान्य बिल को चिन्हित करेगा। जिसे अफसर जांच करेंगे। ये काम बिल जारी होने से पहले होगा ताकि उपभोक्ताओं को सही खपत के बिजली बिल जारी हो सके।
कंपनी प्रबंधन का दावा है कि उपभोक्ता की वास्तविक खपत से 20 से 30 फीसद से ज्यादा बिजली बिल जारी होने पर ही साफ्टवेयर उसे पकड़ेगा। इसके लिए वितरण केंद्रवार निगरानी की व्यवस्था दी है। यदि किसी वितरण केंद्र में दस हजार रुपये की बिलिंग हो रही है और अगले माह वहीं की बिलिंग 12 से 15 हजार रुपये हो रही है तो साफ होगा कि बिलिंग बढ़ी हुई है। ऐसे में बढ़े हुए बिलों को चिन्हित कर उनकी जांच की जाएगी। ये काम वाणिज्य विभाग के स्तर पर होगा। वहां बिलिंग इंटेलीजेंस यूनिट के अधिकारी बिल का ब्योरा जांचेंगे। कंपनी का मानना है कि वाणिज्य विभाग के पास ही सबसे ज्यादा इस संबंध में शिकायत मिल रही है। इस काम को जून से ही प्रारंभ किया गया है।
दोहरी जांच होगी
बिजली कंपनी अभी भी वितरण केंद्र स्तर पर बिलिंग की जांच का दावा करती है लेकिन काम की व्यस्तता का हवाला देकर अधिकारी फौरी जांच कर पल्ला झाड़ लेते हैं। अब मुख्य अभियंता स्तर पर इसकी जांच होगी। यदि ज्यादा बिलिंग में गड़बड़ी मिलती है तो वहां के संबंधित अधिकारी से सवाल जबाव किया जाएगा। बिजली बिलों को लेकर शिकायत आती है जिनके निराकरण के लिए चेकिंग पाइंट बढ़ाए गए हैं। वितरण केंद्र स्तर पर इसकी जांच सुनिश्चित की जा रही है। इससे समस्या काफी हद तक कम होगी।