कोरबा कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आगामी सत्र से मेडिकल काॅलेज शुरू करने की संभावनाओं पर सीएमएचओ डाॅ. बी.बी. बोर्डे और डीन डाॅ. वाई.डी. बड़गैया से चर्चा की। उन्होंने इसी तारतम्य में आईटी काॅलेज के भवन का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी इंतजाम तथा तैयारियां जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए। श्रीमती साहू ने आईटी काॅलेज के मेडिकल काॅलेज को दिए गए दो ब्लाॅकों का निरीक्षण किया। सीएमएचओ डाॅ. बी.बी. बोर्डे ने बताया कि मेडिकल काॅलेज शुरू करने के लिए तात्कालिक तौर पर आईटी काॅलेज के दो ब्लाॅकों को मेडिकल काॅलेज प्रबंधन को दिया गया है। काॅलेज के नए भवन के लिए 25 एकड़ भूमि आईटी काॅलेज के पीछे चिन्हांकित की गई है। डाॅ. बोर्डे ने यह भी बताया कि इस भूमि पर काॅलेज भवन बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमि पूजन भी किया है। कलेक्टर ने आगामी सत्र से मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के लिए इंडियन मेडिकल काउंसिल के मापदण्डों के अनुसार इंतजाम एवं तैयारियां पूरी कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और चिकित्सा शिक्षा के लिए केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत तीन नए मेडिकल काॅलेज कोरबा, कांकेर और महासमुंद में खोले जा रहे है। कोरबा जिले में 325 करोड़ रूपए की लागत से एक सौ विद्यार्थी प्रति वर्ष प्रवेशित क्षमता का नया मेडिकल काॅलेज शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। मेडिकल काॅलेज की कुल लागत में से 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। पहले साल में मेडिकल काॅलेज में विद्यार्थियों के दाखिले के बाद एनाॅटोमी, फिजियोलाॅजी, बायो-कैमेस्ट्री विषयों की पढ़ाई शुरू होगी। कोरबा के मेडिकल काॅलेज में अध्ययन-अध्यापन के लिए लगभग 280 विभिन्न पदों पर नियुक्तियां भी की जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा मेडिकल काॅलेज में अध्यापन के लिए विशेषज्ञ प्रोफेसरो और अन्य नाॅन मेडिकल स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। जिला अस्पताल को मेडिकल काॅलेज से संबद्ध किया गया है जिससे विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल आदि की सुविधा भी मिलेगी।