कोरबा कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की मार बस संचालकों ने भी झेली है। बस संचालन के कारोबार से जुड़े एजेंट से लेकर चालकों, हेल्परों की रोजी-रोटी पर भी काफी असर पड़ा। लंबे समय के बाद एक बार फिर बसों का संचालन शुरू तो हो गया है किंतु एकाधिकार की लड़ाई में विवाद शुरू हो गया है।
सर्वाधिक विवाद नया बस स्टैंड में है जहां अपना राज चलाने की कोशिशों में लगातार लगे रहने वाले और गुट के रूप में बस संचालन का काम कराने वाले एक समूह विशेष के लोगों के द्वारा वाद- विवाद की स्थिति निर्मित की जाने लगी है। पिछले 2 दिनों से नया बस स्टैंड में अशांति का माहौल निर्मित हो रहा है। बसों के संचालन में एकाधिकार कायम करने का यह सिलसिला कोई आज का नहीं बल्कि काफी पुराना है। कई ऐसे मौके आ चुके हैं जब बसों के संचालन को लेकर खूनी संघर्ष भी हुआ है। सोमवार को दोपहर के वक्त करीब 2 बजे एक बस के संचालन से जुड़े युवक ने एकाधिकार की मंशा रखने वालों के इशारे पर शराब के नशे में खूब हंगामा किया, दूसरे कंपनी की बस को टाइमिंग होने के बाद भी भगा दिया। करीब आधे घण्टे चले हंगामे की भनक तक पुलिस को नहीं लग पाई। इस विषय में परमिट शर्तों के आधार पर बसों का संचालन, बसों के आने और छूटने की टाइमिंग, किसी भी तरह का अवरोध उत्पन्न ना होने और शहर के अमन-चैन में कोई खतरा उत्पन्न ना हो इसके लिए संयुक्त रूप से अधिकारियों और बस संचालन कर्मचारियों को कार्य करने की आवश्यकता है।