कोरबा विभिन्न प्रकार के अपराधिक घटनाओं में बरामद किए जाने वाले कीमती सामानों को पुलिस चौकी और थानों के मालखानों में रखने की व्यवस्था की जाती है। प्रकरण के निपटारे तक इसे सुरक्षित रखना काफी चुनौतीपूर्ण काम होता है। मालखाने की स्थिति कैसी है, यह जानने के लिए वार्षिक निरीक्षण के अंतर्गत सत्यापन होता है। डीएसपी ने बालको नगर थाना के मालखाना का सत्यापन किया।
अलग-अलग कारणों से विभाग के अधिकारियों द्वारा थानो और चौकियों का निरीक्षण करने के साथ आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाते हैं। उद्देश्य यह होता है कि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की गुंजाईश न रह पाये। डीएसपी रामगोपाल करियारे द्वारा बालको नगर पुलिस थाना के मालखाना का अवलोकन किया गया। थाना प्रभारी और सहायक के साथ उन्होंने यहां पर रखे गए कीमती सामान और अन्य बरामद चीजों के बारे में जानकारी ली। इस संबंध में बिन्दुवार पूछताछ की गई। मालखाना में अलग-अलग श्रेणी के सामान, बरामदगी का स्थान, मूल्य और उससे जुड़े अन्य तथ्यों के संबंध में पहले से ही जानकारी शामिल की गई होती है। इस सिलसिले में किये जाने वाले अनुसंधान और प्राप्त नतीजों के आधार पर कुछ सामान वास्तविक मालिक के सुपूर्द किये जाते है, जबकि अन्य स्थिति में इन्हें शासन के कोष में जमा करा दिया जाता है। पुलिस के द्वारा जिन प्रकरणों में इस तरह के सामान बरामद या जप्त किया जाता है वे अगली प्रक्रिया तक मालखाना में सही सलामत स्थिति में रहे, यह जिम्मेदारी मालखाना प्रभारी की होती है। इसलिए ऐसे मामलों को काफी गंभीरता से लिया जाता है।
*जेवरातों के सत्यापन के लिए यह व्यवस्था
मालखाना में कई तरह के सामान रखे जाते हैं। इनमें मंहगे और एवरेज सामान शामिल होते हैं। जो व्यवस्था बनी हुई है, उसमें सोने-चांदी के जेवरातों के सत्यापन के लिए सोनार के जरिये तय कराया जाता है कि जेवरात असली है या नहीं। इनमें किसी का फेरबदल तो नहीं हुआ है। जबकि रूपये-पैसे और अन्य मामलों का सत्यापन अधिकारी के समक्ष किया जाता है। यह जानकारी थाना प्रभारी, बालको नगर राकेश मिश्रा के द्वारा दी गयी।