बिलासपुर । जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय समन्वय कार्यशाला आयोजित की गई। कलेक्टर ने कृषि विभाग के मैदानी अमलों को निर्देशित किया कि योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही न करें। किसानों को लाभ पहुंचाना हमारी पहली प्राथमिकता हैं।
सिंचाई विभाग परिसर स्थित प्रार्थना भवन में आयोजित बैठक सह कार्यशाला में कलेक्टर ने कहा कि यह योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी व उद्यान विभाग के अधिकारियों ,कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। धान के अलावा अन्य फसल को बढ़ावा देने के लिए इस योजना में प्रावधान किए गए है। जिससे किसानों को ज्यादा आर्थिक लाभ हो। किसानों को धान का रकबा कम कर अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
कलेक्टर ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल में कृषकों के पंजीयन में सावधानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में क्षेत्रानुसार अलग-अलग फसलों पर विशेष ध्यान देने कहा। मैदानी अमले गांव-गांव जाकर किसानों के साथ बैठक करें और उनके मांग अनुरूप फसलों के बीज उपलब्ध कराएं। किसानों के खेतों में केला, पपीता उत्पादन के लिए उद्यानिकी विभाग के अमले को आवश्यक निर्देश दिए।
कलेक्टर ने राजस्व एवं कृषि विभाग के अमले को गिरदावरी की समीक्षा करने और सभी किसानों का पोर्टल में समय पर पंजीयन कराने कहा। किसानों को फसल परिवर्तन करने और खेतों में वृक्षारोपण के लिए सतत् प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला के प्रारंभ में उप संचालक कृषि श्री शशांक शिंदे ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के सम्बन्ध में शासन की विस्तृत गाईडलाइन की जानकारी दी। उपस्थित मैदानी कर्मचारियों के शंकाओं का समाधान किया गया और योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उनके सुझाव भी लिए गए।
कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैरीश एस सहित जिले के तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित कृषि, वन विभाग एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।