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मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले पर बघेल और सिंहदेव ही सच को सामने लाएँ : भाजपा

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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी रायपुर जिलाध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरानी ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले को लेकर कृषि मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता रवींद्र चौबे के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर सिर्फ़ मंत्री चौबे के बयान से ही बात नहीं बनेगी, बल्कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को स्थिति स्पष्ट करनी होगी। श्री सुन्दरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर ताज़पोशी को लेकर प्रदेश की जनता यह जानने का पूरा हक़ रखती है कि आख़िर इस पूरे मामले का सच क्या है?

श्रीचन्द सुन्दरानी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होने के समय से ही ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले की चर्चा होती रही है और इसके चलते प्रदेश सरकार में सत्ता और वर्चस्व का संघर्ष गाहे-बगाहे देखने को मिलता रहा है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कभी भी इस फार्मूले से संबंधित खबर का खंडन नहीं किया है। श्रीचंद  सुन्दरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए इस फ़ार्मूले की चर्चा के केंद्र में तीन पक्ष ही मायने रखते हैं- मुख्यमंत्री बघेल, स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव व कांग्रेस का केंद्रीय आलाकमान; और इस फ़ार्मूले को लेकर इन तीन पक्षों का कथन ही अंतिम रूप से विश्वसनीय माना जा सकता है, न कि किसी सरकारी प्रवक्ता का। उन्होंने  कहा कि कृषि मंत्री चौबे अपने विभागीय मसलों के अलावा दीग़र कई अन्य मुद्दों पर भी अपने बयानों से झूठ फैलाते देखे-सुने गए हैं, जैसा कि कल ही श्री चौबे का जीएसटी काउन्सिल से कांग्रेस को निकाले जाने संबंधित सफ़ेद झूठ पकड़ा गया है। इसलिए इस फ़ार्मूले को लेकर मंत्री चौबे का बयान न सिर्फ़ ग़ैर-ज़रूरी है, अपितु भरोसे के क़ाबिल भी नहीं माना जा सकता।

भाजपा  रायपुर जिलाध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले का सच क्या है, और मंत्री सिंहदेव ने मुख्यमंत्री पद की अपनी दावेदारी छोड़कर क्या आत्म-समर्पण की मुद्रा अपना ली है? इन सवालों का ज़वाब देकर इस मसले पर चुप्पी ओढ़े मुख्यमंत्री बघेल और मंत्री सिंहदेव ही प्रदेश को सच से रू-ब-रू कराएँ, यह ज़्यादा उपयुक्त प्रतीत हो रहा है। श्री सुन्दरानी ने मंत्री सिंहदेव से यह भी जानना चाहा है कि मंत्री चौबे के बयान पर उनकी ‘प्रतिक्रिया की भाषा’ का क्या ‘आशय’ है और अगर इस तरह के फ़ार्मूले को लेकर कोई निर्णय हुआ है तो वे प्रदेश को बताएँ कि इस राजनीतिक सौदेबाजी में उनके हिस्से क्या आया है? श्रीचन्द सुन्दरानी ने कहा कि इस फ़ार्मूले को लेकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस में एकाएक हो रही बयानबाजी सिर्फ़ कांग्रेस का अंदरूनी मामला ही नहीं है, बल्कि एक प्रदेश सरकार और प्रदेश की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। कांग्रेस नेतृत्त्व को असमंजस और अनिश्चितता दूर कर तथ्यों से प्रदेश को अवगत कराना चाहिए।

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