भोपाल । प्रदेश में फसल बीमा योजना का किसानों को समय पर दावा दिलाने के लिए अभी भी सही मॉडल लागू नहीं हुआ है। अब सरकार पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाड़ मॉडल को प्रदेश में फसल बीमा के लिए लागू कर सकती है। फसल बीमा टास्क फार्स समिति ने सीएम के सामने चार राज्य तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गुजरात तथा महाराष्ट्र के फसल बीमा मॉडल प्रस्तुत किए गए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के लिए ऐसी योजना बनाई जाए, जिससे उन्हें फसलों की क्षति होने पर जल्दी से जल्दी तथा पर्याप्त मुआवजा राशि बिना किसी पेरशानी के मिल सके। इसके लिए विभिन्न राज्यों के मॉडल का अध्ययन कर प्रदेश के लिए सर्वश्रेष्ठ योजना बनाई जाए। चौहान ने निर्देश दिए कि फसल जोखिम एवं उपज हानि के आकलन आदि में आधुनिक तकनीकियों जैसे रिमोट सेंसिंग डेटा, ड्रोन आदि का इस्तेमाल हो।
40 फीसदी किसानों को ही लाभ
वर्तमान में प्रदेश के केवल 40 फीसदी किसानों को ही फसल बीमा योजना का लाभ मिल पा रहा है। फसल बीमा योजना ऐच्छिक होने से सभी किसानों को लाभ नहीं मिल पाता। फसल क्षेत्रवार कव्हरेज भी 50 फीसदी (लगभग 70 लाख हे.) ही है।