भोपाल । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गिरफ्तार चार रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को बुधवार को सीबीआइ ने कोर्ट में पेश किया। अदालत ने तीन आरोपियों की तीन दिन की रिमांड और बढ़ा दी है। इनमें से निलंबित डिविजनल मैनेजर हर्ष हिनोनिया, मैनेजर (अकाउंट) अरुण श्रीवास्तव और क्लर्क किशोर मीणा को रिमांड पर सौंपा है। मैनेजर (सिक्यूरिटी) मोहन पराते को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सीबीआइ की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि आरोपितों से अभी दस्तावेजों व बरामद रकम के बारे में और पूछताछ करनी है। उधर, हिनोनिया के अजमेर स्थित पैतृक घर से मकान और कृषि भूमि खरीदने से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। मालूम हो, गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस की शिकायत पर सीबीआइ ने आरोपितों को एक लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। बाद में क्लर्क मीणा और एक अन्य कर्मचारी संदीप कुमार चौधरी के घर से कुल तीन करोड़ छह लाख 96 हजार रुपये जब्त किए गए थे। सीबीआइ भोपाल की टीम ने बैंक धोखाधड़ी मामले में गुजरात के अहमदाबाद और मेहसाणा में छह ठिकानों पर छापा मारा। सीबीआई ने ये कार्रवाई बैंक ऑफ इंडिया के साथ 678.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में की है। इसमें मेहसाणा स्थित तेल कंपनी विमल ऑयल और उसके निदेशकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद और मेहसाणा में कार्रवाई के दौरान कंपनी परिसर और कंपनी निदेशकों के आवास की भी तलाशी ली गई। मामले के आरोपित जयेशभाई चंदूभाई पटेल, मुकेश कुमार नारणभाई पटेल, दितिन नारायणभाई पटेल और मोना जिग्नेशभाई आचार्य ने बैंक ऑफ इंडिया से संबंधित आठ बैंकों से करीब 810 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। यह कर्ज 2014 से 2017 के बीच अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया गया। इससे बैंक को 678.93 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मालूम हो, बैंक और धोखाधड़ी का यह मामला गुजरात से संबंधित है, लेकिन सीबीआइ की एसी-4 ब्रांच का कार्य क्षेत्र देशभर में है, इसलिए भोपाल की टीम ने वहां कार्रवाई की है।