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विमानन उद्योग में अग्रणी बना फ्रांस, भारत, मिस्र, ग्रीस के बाद अब क्रोएशिया भी खरीदेगा राफेल

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(FILES) This file photo taken on October 1, 2016 shows Marine Rafale fighter jets before taking off on the deck of the French aircraft carrier Charles de Gaulle on the Mediterranean Sea, as part of the Operation Arromanches III. - France has agreed to sell 30 more Rafale fighter jets to Egypt, a source close to the contract said on May 3, 2021, confirming an online report of a secret mega-defence deal. (Photo by Eric Feferberg / AFP)

जगरेब । वैश्विक विमानन उद्योग में फ्रांस तेजी से अमेरिका और रूस को टक्कर देता दिखाई दे रहा है। फ्रांस के बने राफेल लड़ाकू विमान की मारक क्षमता को देखते हुए एक के बाद एक कई देश अपनी वायुसेना में इसे शामिल कर रहे हैं। इस कड़ी में दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश क्रोएशिया का नाम भी जुड़ गया है। क्रोएशिया ने अपनी हवाई क्षमता बढ़ाने के लिए फ्रांस से 12 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का ऐलान किया है। क्रोएशिया के सामने राफेल और इजरायल में मोडिफाई एफ-16सी-डी बराक लड़ाकू विमान में से किसी एक को चुनने का विकल्प था। फ्रांस के इस लड़ाकू विमान को भारत, मिस्र, कतर और ग्रीस पहले से ही ऑपरेट कर रहे हैं। ऐसे में अगर क्रोएशियाई वायु सेना में राफेल शामिल होता है तो इससे बाल्कन देशों में उसकी हवाई क्षमता काफी बढ़ जाएगी।

इतना ही नहीं, हजारों द्वीपों को मिलाकर बने इस देश की हवाई सीमा भी पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगी। अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य होने के बाद भी क्रोएशिया अभी तक सोवियत संघ के जमाने का मिग-21 लड़ाकू विमान इस्तेमाल करता है। क्रोएशियाई सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में प्रधानमंत्री एंड्रेज प्लेंकोविक के हवाले से कहा गया है कि सीसी राफेल की पेशकश को इसलिए चुना गया क्योंकि इसने सबसे अच्छी कीमत की पेशकश की। इसी कारण क्रोएशिया को लेटेस्ट स्टेंडर्ड के साथ हाई रैंकिंग और सुसज्जित एयरक्राफ्ट राफेल एफ3आर मिला है।

निश्चित रूप से, राफेल क्रोएशियाई वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिहाज से गेमचेंजर साबित होगा। यह विमान कम दूरी के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस होगा। इससे क्रोएशिया के पास दूसरी पीढ़ी के मिग-21 विमानों की जगह चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान होंगे। राफेल में लगे उन्नत रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज तक हमला करने की क्षमता जैसी कई ताकतवर तकनीकी इस देश की रक्षा क्षमताओं में बड़ा इजाफा करेंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, क्रोएशिया 1.22 अरब डॉलर की लागत से फ्रांस से 12 राफेल खरीदेगा। ये लड़ाकू विमान क्रोएशियाई वायु सेना में पहले से मौजूद आठ सिंगल-सीट मिग-21 बीआईएसडी और चार दो-सीट MiG-21यूएमडी के मौजूदा बेड़े की जगह लेंगे। क्रोएशिया के मिग -21 को यूक्रेन में मामूली अपग्रेड किया गया था, जिससे ये 2024 तक ही एयरफोर्स में सर्विस दे सकते थे। हालांकि, क्रोएशियाई विमान का अपग्रेड भारतीय मिग-21 या रोमानियाई मिग-21 की तुलना में काफी मामूली है।

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