भोपाल । राजधानी के वरिष्ठ समाजसेवी पांडूरंग केवाले (नामदेव जी) सालों से गरीबों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क करवा रहे हैं। यह मानव सेवा का कार्य कोरोना काल में भी बदस्तूर जारी है। 77 साल के समाजसेवी पांडूरंग जी का जीवन में एक ही उद्देश्य है कि ऐसे जरूरतमंद लोग, जिनके अपने इस दुनिया से अलविदा कह जाते हैं, उनके परिजनों के पास अंतिम संस्कार कराने तक के पैसे नहीं होते, ऐसे लोगों का पता चलते ही उन्हें अंतिम संस्कार की नि:शुल्क सामग्री उपलब्ध कराना। कोरोना काल में भी नामदेवजी का मानव सेवा कार्य का यह कारवां चल रहा है। वो रोजाना वैन में अंतिम संस्कार की सामग्री जैसे कलावा, कपूर, अगरबत्ती, कपड़ा, सिंदूर आदि लेकर न्यू मार्केट में सड़क पर खड़े हो जाते हैं। सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक रहते हैं। इस दौरान कोई जरूरतमंद आता है, जिसके पास अपनों का अंतिम संस्कार कराने के लिए पैसे नहीं होते, उन्हें नि:शुल्क सामग्री देते हैं। पांडूरंग जी बताते हैं कि 35 साल तक स्वयं अपने खर्चे पर मृतकों के अंतिम संस्कार कराए। साल 2008 में एक समिति बनाई। नगर निगम से बजट मिलना शुरू हुआ और सहयोग से अंतिम संस्कार कराने में जुटा रहा। अब दो सालों से कोई बजट नहीं मिल रहा। पांडुरंग केवाले नामवेद जी बीते 45 सालों से जरूरतमंद लोगों के परिजनों व पहचान वालों की मृत्यु होने पर नि:शुल्क अंतिम संस्कार करा रहे हैं। अब तक चार हजार अंतिम संस्कार करा चुके हैं। शहर में उन्हें नामदेवजी के नाम से लोग जानते हैं।