भोपाल । राजधानी में आक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए लगाए जाने वाले आक्सीजन प्लांटों का काम ठप पड गया है। राजधानी में आक्सीजन की पूर्ति के लिए चार आक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे, लेकिन इनमें से ज्यादातर का काम ठप पडा हुआ है। चार जगह ऑक्सीजन प्लांट सरकार लगाने जा रही थी। इसमें से पहला आक्सीजन प्लांट खुशीलाल आयुर्वेद हॉस्पिटल में लगाया जाना है, लेकिन इससे पहले की नगर निगम इस प्लांट का काम पूरा कर पाता तब तक यहां कॉपर चोरी हो गया। तब से अब तक यह प्लांट बंद पड़ा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ काटजू अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट का काम ठप्प पड़ा हुआ है। इधर, बैरसिया में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे। यह प्लांट अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा बनवाए जाने है इनका भी काम अभी निरीक्षण तक ही सीमित है। यहीं हालात रहे तो तीसरी लहर के आने के पहले भोपाल ऑक्सीजन के मामले में कैसे आत्मनिर्भर बनेगा। यहीं आलम रहे तो भोपाल को तीसरी लहर आने पर एक बार फिर अन्य राज्यों के भरोसे ऑक्सीजन के लिए रहना पड़ेगा। बता दें कि खुशीलाल आयुर्वेद हॉस्पिटल में 50 क्यूबिक मीटर याने 750 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन का उत्पादन किया करने के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना था। हवा से ऑक्सीजन बनाने वाला यह प्लांट चार महीने में बनकर तैयार हो जाएगा ऐसा दावा नगर निगम भोपाल द्वारा किया गया था। नगर निगम के विद्युत शाखा से इसकी निविदा भी जारी की गई थी। करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत ये यह प्लांट बनाकर तैयार किया जाना है। इसी तरह काटजू अस्पताल में भी नगर निगम द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए भी निविदा जारी हो चुकी है, लेकिन पिछले 15 दिनों से यहां काम बंद है।कोरोना के चलते बनी आपात स्थिति में सप्लाई में रुकावट न आए इसलिए 1300 एलपीएम क्षमता वाला यह प्लांट 150 बिस्तर वाले अस्पताल में जरूरत की ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकता है।