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लैलूंगा क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रही अंतरराज्यीय मवेशी तस्करी का काला कारोबार

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लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़। पूरे देश में कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण हाहाकार मची हुई है वही शासन प्रशासन कोरोना संक्रमण के बचाव और रोकथाम हेतु लॉकडॉउन कर  संक्रमण के चैन को तोड़ने हेतु भरसक प्रयास कर रही है। विशेषकर अन्य प्रदेशों को जोड़ने वाली सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रशासन द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है ताकि दूसरे राज्यों के लोग बिना टेस्टिंग किए बिना प्रवेश ना कर सके वहीं लैलूंगा अंचल में इन दिनों लॉक डाउन के बाद भी अंतरराज्यीय मवेशी तस्करों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। लैलूंगा क्षेत्र में इन दिनों मवेशी तस्करों द्वारा जंगल के रास्तों से होकर उड़ीसा में मवेशी की तस्करी कर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जानकारी हो कि विकासखंड अंचल के रास्ते होते हुए अंतिम छोर किलकिला, हांड़ीपानी के रास्ते उड़ीसा तक मवेशी की तस्करी की जा रही है। मवेशी तस्करी के काले कारोबार में स्थानीय तस्करों की भी अहम भूमिका निभाई जा रही है जिसमें पूर्व में भी पुलिस द्वारा तस्करों पर कार्यवाही की गई थी। विकासखंड अंचल क्षेत्र के ग्राम पंचायत किलकिला के हांड़ीपानी मवेशी तस्करों का सेफ कॉरिडोर माना जाता है जहां पूर्व में भी मवेशी बाजार लगाया जाता था जो कोरोना संक्रमण की लहर आने के बाद बाजार को बंद कर दिया गया था वहीं हांड़ीपानी के रास्ते ओडिशा तक मवेशी तस्करों के तार जुड़े हुए हैं जो कि व्यापक पैमाने पर मवेशी की तस्करी करते हैं। हाल ही में लॉकडाउन के बाद भी प्रशासन की परवाह किए बिना मवेशी तस्करों द्वारा घरघोड़ा के रास्ते होते हुए मुड़ापारा, जमुना गुजर कर उड़ीसा तक मवेशियों को हांका जाता है। कोरोना संक्रमण के बीच लगे लाकडाउन के बाद भी धड़ल्ले से अन्य राज्यों में अवैध मवेशी तस्करी कर कोरोना संक्रमण की रफ्तार को तस्कर बढ़ावा दे रहे हैं। बताया जाता है कि मवेशी तस्करों के साथ स्थनीय पुलिस परेशान का मिली भगत होता है।

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