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मप्र में अनलॉक की नई गाइड लाइन पर बनी सहमति

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भोपाल। मप्र में अनलॉक की प्रक्रिया को लेकर बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की गुरुवार को अहम बैठक हुई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अनलॉक की कुछ गाइड लाइन पर सहमति बन गई है। अब इन गाइड लाइन को सीएम के साथ होने वाली बैठक में रखा जाएगा और फिर उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में जिन बातों पर सहमति बनी है उसके तहत सरकारी कार्यालय में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति हो सकेगी। राजनीतिक और धार्मिक गैदरिंग बंद रहेंगी। एक समय में मंदिर में पुजारी के अलावा दो अन्य श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में सहमति बनी है कि जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कुछ शर्तों के साथ आर्थिक गतिविधियां शुरू होगी। इसके लिए जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप शर्तें तय करेगा। राजनीतिक और धार्मिक आयोजन बंद रहेंगे, लेकिन मंदिरों में एक समय में दो श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। राज्य की सीमाओं पर आगे भी सख्ती जारी रखने का फैसला इस बैठक में लिया गया है। मॉल व सिनेमाहॉल फिलहाल बंद रहेंगे। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वाश सारंग, ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर, पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर, शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और उच्च अधिकारी मौजूद थे।

शादी में 40 लोगों की अनुमति

नई गाइड लाइन के तहत मॉल ,टॉकीज, जिम, स्विमिंग पूल फिलहाल बंद रहेंगे। निर्माण कार्य और सर्विस प्रोवाइडर संबंधी गतिविधियां चालू रखने पर सहमति बनी है। हवाई यात्रा शुरू रहेंगी। पंजीयन और एग्रीकल्चर कार्यालय खुलेंगे। शादी समारोह में दोनों पक्षों से 20-20 संख्या रहेगी। मृत्यु भोज में 20 की संख्या रहेंगी और दाह संस्कार में 20 लोग रह सकेंगे। राज्यों के बॉर्डर पर सख्ती रहेगी, आर्थिक गतिविधि चालू रहेंगी। इस पर अंतिम फैसला 31 मई को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में लिया जाएगा।

अनलॉक के ये हैं 5 सूत्र

वहीं सरकार ने अनलॉक के लेकर 5 सूत्र तैयार किये हैं। एक जून के बाद इन 5 सूत्र पर अमल होगा। इसके तहत हर व्यक्ति को घर के बाहर मास्क लगाना होगा अनिवार्य, सामाजिक दूरी जैसे कोरोना अनुरूप व्यवहार को सार्वजिनक जगहों पर किया जाएगा अनिवार्य, कोरोना टेस्टिंग की सार्वजनिक व्यवस्था की जाएगी, किल कोरोना अभियान के तहत सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों पर रहेगी स्वास्थ्य अमले की नजर और  क्राइसिस मैनेजमेंट समूह अपने गांव, कस्बे, शहर के संबंध में निर्णय ले सकेंगे।

जिले की परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय होंगे

हर जिले की अलग-अलग परिस्थितियां हैं। कहीं कोरोना पूरी तरह से नियंत्रित हो गया है, तो कहीं केस हर दिन कम-ज्यादा हो रहे हैं। भोपाल-इंदौर जैसे बड़े जिलों में अभी ज्यादा केस आ रहे हैं। ऐसे में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को इन सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए।

एक केस भी मिला तो माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाएंगे

हर रोज 75 हजार का टेस्ट का टारगेट रहेगा। संक्रमण की दर कम हो गई है, ऐसे में ट्रेसिंग संभव है। किसी एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, तो परिवार का टेस्ट किया जाएगा। एक केस मिलने पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर प्रतिबंध भी लगाए जाएंगे।

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