Home छत्तीसगढ़ सीतामणी खदान से रेतघाटों पर रेत का हो रहा अवैध उत्खनन

सीतामणी खदान से रेतघाटों पर रेत का हो रहा अवैध उत्खनन

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कोरबा रेत के अवैध तरीके से किए जाने वाले खनन और कारोबार करने वालों की इन दिनों मौज हो रखी हैं। कोरोना संक्रमण का मौका पाकर रेत का बेतरतीब दोहन किया जा रहा हैं। ताजा मामला शहर के सीतामणी रेत घाट का है। सरकार ने 491 रुपए की रायल्टी दर तय कर रखी है जिसकी पर्ची कटाई जाती है। लेकिन सीतामणी घाट में बिना रायल्टी वाले वाहनों द्वारा धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही हैं और रायल्टी पर्ची लेकर जाने वालों से 491 रुपये की जगह 1000/- (एक हजार रुपए) की वसूली नाका पर मौजूद ठेका कर्मी के द्वारा की जा रही है। सबसे बड़ी बात दिन भर नाका में बैठने वाले ठेका कर्मी को यह भी नहीं पता कि दिनभर में यहां से कितनी ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही है।

*मशीन से हो रही खुदाई

     सीतामणी रेत खदान में रेत खोदने के लिए जेसीबी मशीन का उपयोग भी किया जा रहा है। मौके पर दो मशीनें भी कार्य करते देखी गयी। इस संबंद्ध में ठेका कर्मी द्वारा सिर्फ सफाई के लिए मशीन ले जाने की बात कही गयी। यह काम दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में भी होता है। धांधली का आलम यह है कि 491 रुपए शासन रायल्टी वाली रेत बाजार में 2000 रुपए प्रति ट्रैक्टर में बेची जा रही है।

     गौरतलब है कि अवैध रेत-उत्खनन के कारण गंभीर नतीजे सामने आये हैं शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में मकान बनाना आम इंसान के लिए बहुत महंगा हो चला है और आवासों के निर्माण-कार्य में लगे फर्म और घरों के छोटे विक्रेताओं को रेत की ऊंची चढ़ती कीमतों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है और इससे न सिर्फ आम आदमी बल्कि सरकार को भी नुकसान हो रहा है।

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