भोपाल । कोरोना वायरस से बचाव के लिए राजधानी में लगाए गए कर्फ्यू से शहर के बाजारों में दस फीसदी भी कचरा नहीं निकल रहा है। लॉकडाउन में शहर को कचरे से बड़ी राहत मिली है। बाजार बंद होने से पहले की तुलना में दस फीसद कचरा भी नहीं निकल रहा है। इस कारण 900 टन की बजाय औसत 650 टन सूखा-गीला कचरा निकल रहा है। घरों के कचरे में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि 12 फीसद तक बढ़ा है। राजधानी में 12 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है, जो 24 मई तक जारी रहेगा। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। निगम अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते लोग घरों में है। बाहर रहने वाले भी अपने घर आ गए हैं। इससे घर से निकलने वाले कचरे की मात्रा बढ़ गई है। वहीं बाजार बंद है। लिहाजा, वहां का कचरा घटा है। प्लास्टिक वेस्ट में कमी है। शहर के कचरे में कमी आने के कारणों में शहर के सभी छोटे-बड़े बाजार व व्यापारिक संस्थान बंद है। इससे यहां का कचरा नहीं निकला। गुमटियां, ठेले व अस्थाई दुकानें नहीं खुलीं है। रेस्टोरेंट, होटल, खाने-पीने की अन्य दुकानें भी बंद रखी गई है। इस दौरान सफाई कार्य में 7,617 सफाईकर्मी सफाई में जुटे रहे। 469 गाड़ियों से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहित हो रहा है। मालूम हो कि आम दिनों में 900 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है वहीं अब 650 टन कचरा निकल रहा है। इस कचरे में 250 टन की कमी आई। लाकडाउन में 35 फीसद कचरा कम हुआ। आम दिनों में 550 टन कचरा घरों से निकलता है वहां अब 610 टन निकल रहा। इस तरह से देखा जाए तो यह 12 फीसद बढ़ोतरी हुई। पहले 350 टन कचरा बाजारों से निकलता है वहां अब 40 टन निकल रहा, यह कचरे में 90 फीसद तक आई कमी है। इस बारे में अपर आयुक्त नगर निगम एमपी सिंह का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू से पहले की तुलना में वर्तमान में औसत 650 टन निकल रहा है। पहले यह 900 टन तक था। बाजार का कचरा बहुत कम हो गया है, लेकिन घरों के कचरे में कुछ बढ़ोतरी हुई है।