भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की दसवीं की परीक्षा रद्द होने से मंडल को इस साल करीब 71 करोड रुपये का मुनाफा होगा। दसवीं कक्षा के परीक्षा फार्म भरने में प्रति विद्यार्थी से 900 रुपये शुल्क लिए गए हैं। कोरोना काल के कारण माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की दसवीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। अब विद्यार्थियों का रिजल्ट तैयार करने की तैयारी चल रही है। मालूम हो कि इस साल करीब 10 लाख विद्यार्थी शामिल होने वाले थे। इसमें से अगर आरक्षित वर्ग के एक लाख विद्यार्थियों के शुल्क को कम कर दिया जाए तो नौ लाख विद्यार्थियों से 81 करोड रुपये सिर्फ परीक्षा फार्म सामान्य शुल्क के साथ भरने मंडल की आमदनी हुई है। अगर मंडल ने प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिकाओं को तैयार करने या प्रैक्टिकल के लिए जिलो में राशि भेजने में करीब दस करोड रुपये भी खर्च कर दिए तो फिर भी मंडल को परीक्षा फॉर्म से 71 करोड रुपये की बचत होगी। वहीं माशिमं ने स्कूलों को आदेश जारी कर प्रायोगिक परीक्षा के लिए आवंटित की गई राशि को मंडल के खाते में जमा कराने के आदेश दिए हैं। इसे देखते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी मंडल से विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क लौटाने की मांग की है। मंडल के अधिकारियों का कहना है कि दसवीं की परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई थी। दसवीं के प्रश्नपत्र तैयार करने में करीब डेढ करोड रुपये, कॉपियों को तैयार करने में करीब पांच करोड, ओएमआर शीट में एक करोड और प्रैक्टिकल में करीब तीन करोड रुपये खर्च हुए। इसके अलावा करीब एक लाख विद्यार्थियों से लेट फीस लेकर भी परीक्षा फार्म भरवाया गया। प्रायोगिक परीक्षा के तीन करो.ड होंगे वापस एक विद्यार्थी के प्रैक्टिकल के लिए मंडल 30 रुपये स्कूलों को भेजता है। इस तरह से करीब दस लाख विद्यार्थियों के लिए तीन करो.ड रुपये की राशि स्कूलों को भेजी गई थी, जिसे अब मंडल वापस करने के आदेश दिए हैं। –पिछले साल भी बचाएं करीब डेढ करोड रुपये मंडल की बारहवीं की परीक्षा में मेधावी विद्यार्थियों को शासन की ओर से लैपटॉप वितरण किया जाता है। इसके लिए हर साल मंडल करीब डेढ करोड रुपये शासन को देता है, लेकिन पिछले साल कोरोना के कारण लैपटॉप वितरण नहीं हो पाया। इस तरह से मंडल को डेढ करोड रुपये की बचत हुई। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है किदसवीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है तो विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क वापस करना चाहिए। एसोसिएशन मंडल से मांग करेगा कि जब स्कूलों से प्रैक्टिकल फीस वापस मांगी जा रही है तो वे विद्यार्थियों की फीस भी वापस कर दें। इस बारे में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव उमेश कुमार सिंह का कहना है कि दसवीं की परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई थी। विद्यार्थियों को फीस वापस करने के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।