भोपाल । राजधानी में मंगलवार को 41 दिन बाद सबसे कम 512 संक्रमित मरीज मिले है। वहीं 58 संक्रमित देह का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत किया गया है। इसमें से भदभदा विश्राम घाट में 40 मृतक देह आई। इसमें से 36 कोरोना देह और चार सामान्य देह थी। इन 36 देह में से 15 भोपाल की और 21 अन्य जिलों के थे। इधर, सुभाष नगर विश्राम घाट में 20 देह का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें से 10 कोरोना संक्रमित थी। वहीं बैरागढ विश्राम घाट में पांच कोरोना संक्रमित देह का अंतिम संस्कार किया गया। इसी तरह झदा कब्रस्तान में भी सात संक्रमित शव को सुपुर्द एक खाक किया गया। राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने और संक्रमण से मौत होने का सिलिसिला अब थोडा थमते हुए नजर आ रहा है। इधर, मंगलवार को करीब 6000 सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए है । नगर निगम के अमले ने मंगलवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिना मास्क के घूम रहे 106 लोगों पर कार्रवाई की। जिनसे 10 हजार 600 रुपये का जुर्माना वसूला गया। सबसे ज्यादा प्रकरण जोन क्रमांक-तीन में 79 बनाए गए और सात हजार 900 रुपये वसूल किए गए। जोन-चार, सात, 12, 14 व 17 में भी कार्रवाई हुई। उधर राजधानी के प्रमुख बाजार न्यू मार्केट के व्यापारियों ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान एक अच्छी पहल की है। मानव सेवा का कार्य करते हुए व्यापारी जयप्रकाश, हमीदिया व कैंसर अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को भोजन दे रहे हैं। वे रोज 200 लोगों को भोजन के पैकेट दे रहे हैं। ताकि लोग इधर-उधर भटके नहीं। इसके लिए व्यापारियों ने वॉट्सएप ग्रुप भी बनाया है। जिसमें प्रत्येक दिन के खर्च का ब्यौरा लिखा जाता है और फिर व्यापारी डिजिटली तरीके से राशि व्यापारी महासंघ के खाते में भेज देते हैं। यह राशि भाेजन बनाने में खर्च की जाती है। अब तक 100 से अधिक व्यापारी आगे आ चुके हैं। न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ के सचिव अजय देवनानी के अनुसार एक मई से पहल शुरू की है। प्रतिदिन का खर्च औसत 10 हजार रुपये आता है। महासंघ के अध्यक्ष सतीश गंगराड़े ने बताया कि सेवा का कार्य बिना किसी रूकावट के पिछले 18 दिन से जारी है। अप्रैल में कोरोना कर्फ्यू लागू होने के कारण विभिन्न अस्पतालों में भर्ती बाहर के मरीजों के परिजनों के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई। इसलिए एक मई से महासंघ ने निर्णय लेकर उन्हें भोजन उपलब्ध कराने का कार्य शुरू किया। प्रतिदिन दाल-चावल, सब्जी-पुड़ी के 200 पैकेट तैयार कराते हैं। जिसमें पानी व मठा भी शामिल है। इसके बाद निर्माण परिवर्तन संस्था की मदद से अस्पतालों में लोगों को वितरित करते हैं।