भोपाल । नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद फरोख्त के अपराध में फंसे जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक मोखा की पत्नी और अस्पताल मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एसआइटी ने मोखा की पत्नी जसमीत कौर, सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया।दोनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस द्वारा दोनों पर धारा 274, 275, 308 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 53, महामारी अधिनियम 3 और 201 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। धारा 201 का आशय साक्ष्य छुपाने और नष्ट करने से है। इधर, पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान देवेश से चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं। एसआइटी सूत्रों ने बताया कि देवेश ने तमाम निजी अस्पतालों में दवा के काले कारोबार की पोल खोलकर रख दी है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से भी बड़े गोलमाल अस्पतालों की दवा दुकानों में किए जा रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों के उपचार में अधिकांश दवाएं सब स्टैंडर्ड यानि अमानक इस्तेमाल की जाती हैं। इन दवाओं में अस्पताल अथवा दवा दुकान के संचालक सैकड़ों फीसद मुनाफा कमाते हैं। उक्त दवाओं की सैंपलिंग कराई जाए तो पता चलेगा कि मरीजों की सेहत पर उनका कोई खास असर नहीं पड़ा। दवाओं की गुणवत्ता की निगरानी रखने वाले विभाग के अधिकारियों को दवा कारोबार में काली कमाई का यह खेल अच्छे से पता रहता है। इसके बाद भी दवा कारोबारी, अस्पताल या डॉक्टरों की साठगांठ से बेची जा रही दवाओं की सैंपलिंग नहीं कराई जाती है। देवेश का दावा है कि शहर में संचालित कुछ निजी अस्पतालों में दवा दुकानों की जांच करा ली जाए तो वहां उपयोग की जा रही ज्यादातर दवाएं सब स्टैंडर्ड की मिल सकती हैं। जिन्हें बेचकर सैकड़ों अथवा कई खरीदी कीमत से कई गुना ज्यादा मुनाफा कमाया जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों पर सब स्टैंडर्ड दवा के उपयोग का यह खेल वर्षों से चल रहा है। प्रपोगंडा कंपनियों की दवाएं मरीजों को देकर उनकी सेहत से खिलवाड़ कर जेब पर डाका डाला जाता है। इस बारे में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की विवेचना में हर पहलू का ध्यान रखा जा रहा है। घटना से जुड़े तमाम सबूत जुटाए जा रहे हैं। मोखा की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। मोखा की पत्नी और सिटी अस्पताल की मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है।,