भोपाल । कोरोना संक्रमण की भयावहता को देखते हुए प्रदेश में जहां एक ओर तबादलों पर अघोषित रोक लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने परिवीक्षा पूरी करने वाले स्थानांतरित वन क्षेत्रपालों को भार मुक्त करने के आदेश जारी कर दिये है। जबकि इनमें से दर्जनभर अधिकारी संक्रमित हैं और नये स्थान पर पहुंचने के बाद दूसरे अधिकारी-कर्मचारियों की जान जोखिम में डाल सकते हैं। खास बात यह है कि वन मुख्यालय ने सरकार के सभी निर्देशों को वन मंत्री विजय शाह के दबाव में दरकिनार करते हुए यह निर्णय लिया है।
इसकी पुष्टि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रशासन-दो, महेंद्र ङ्क्षसह धाकड़ से हुई चर्चा में हुई है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस संबंध में वह कुछ नहीं कहना चाहते हैं, चूंकि यह फैसला वनमंत्री के निर्देश पर लिया गया है, इसलिये वही स्पष्ट कर सकते हैं कि संक्रमण के बाद भी कोरोना काल में भारमुक्त किये गये वनक्षेत्रपालों को क्या करना है। इस मामले में मंत्री विजय शाह के मोबाइल नंबर पर संपर्क भी किया गया, लेकिन वह लगातार बंद मिला। उनके कार्यालय से भी कोई जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद 72 वन क्षेत्रपालों को सरकार ने नई पदस्थापना देते हुए 1 अप्रैल को और एक वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी करने वाले 114 अधिकारियों को दूसरे वर्ष के प्रशिक्षण के लिये 7 अप्रैल को जारी आदेश में स्थानांतरित किया था। बावजूद इसके कोरोना संक्रमण में मप्र शासन द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर जारी दिशा-निर्देशों के तहत इनको भार मुक्त नहीं किया गया था।
बांधवगढ़ में संक्रमण वाहक बनी रूचिका
स्थांतरण के कारण वनक्षेत्रपाल रूचिका तिवारी कोरोना संक्रमण का वाहक बन चुकी है। संक्रमण के दौरान ही बांधवगढ़ में उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद न केवल उनको कार्यभार सौंपने वाले अधिकारी संक्रमित हुए बल्कि इसके बाद दूसरे कर्मचारियों को भी संक्रमण ने अपनी चपेट में लिया है। ऐसे में जबकि दर्जनभर अधिकारी संक्रमित हैं, उनके स्थानांतरण से अभी तक सुरक्षित इलाकों में भी कोरोना स्पिरिट होने का खतरा मंडराने लगा है।
सक्रिय हुए दलाल, दिला रहे स्थानांतरण निरस्त कराने का भरोसा
इस स्थानांतरण आदेश के बाद प्रदेश में दलाल भी सक्रिय हो गये हैं, जो वन क्षेत्रपालों को कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए स्थानांतरण निरस्त कराने का भरोसा दिला रहे हैं। हालांकि इनके नामों का खुलासा नहीं हो सका है, बावजूद इसके यह विभागीय मंत्री से संबंधों को बताते हुए 100 फीसदी काम होने का भरोसा दिलाने से बाज नहीं आ रहे है।