भोपाल । वर्तमान में अरब सागर में एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम के 14 मई को कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। 16 मई को यह सिस्टम चक्रवाती तूफान में बदलकर आगे बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से 18-19 मई को प्रदेश में तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ कहीं-कहीं बरसात भी होने के आसार हैं। प्रदेश और उसके आसपास बने वेदर सिस्टम के कारण वातावरण में नमी आने का सिलसिला बरकरार है। जिसके चलते प्रदेश के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र के जिलों में गरज-चमक के साथ बरसात का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में पांच, ग्वालियर में दो मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक बना रहने के आसार हैं। उधर अरब सागर में एक ऊपरी हवा का चक्रवात बन गया है। इसके 14 मई को कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हाेने के बाद चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है। इसका असर 16 मई से मप्र में भी नजर आ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 40.7 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। जो कि सामान्य रहा। न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से तीन डिग्रीसे. कम रहा। बुधवार को हवा का रूख दक्षिणी बना रहने से वातावरण में नमी बढ़ने लगी थी। जिसके चलते दोपहर बाद बादल छाने लगे थे। बीच-बीच में हवा की रफ्तार भी करीब 25 किमी. प्रति घंटा तक पहुंच गई थी। इस वजह से दिन के तापमान में अधिक बढोतरी नहीं हो सकी। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान पर सक्रिय है। पाकिस्तान और उससे लगे राजस्थाना पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण-पूर्वी मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर केरल तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। पंजाब पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना है। इस चक्रवात से लेकर असम तक एक ट्रफ बना हुआ है। इन छह वेदर सिस्टम के कारण प्रदेश के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र के जिलों में रूक-रूक कर बारिश हो रही है। गुरूवार को भी रीवा, सागर, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में बरसात होने की संभावना है।