भोपाल । प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है और पॉजिटिव व सक्रिय दोनों तरह के प्रकरणों में कमी आ रही है। प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण नौ हजार से नीचे आ गए हैं। प्रदेश के आठ जिलों में नए प्रकरणों की संख्या 200 से अधिक है और सात जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 फीसद से नीचे आ गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप के सदस्यों से चर्चा में दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं जनता के समन्वय व दिन-रात की मेहनत का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किल कोरोना अभियान एवं कोरोना कर्फ्यू के प्रभावी क्रियान्वयन से संक्रमण को निरंतर कम किया जाए तथा जिन जिलों में संक्रमण कम है, वहां संक्रमण शून्य किया जाए। सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में टेस्ट किए जाएं और होम आइसोलेशन की व्यवस्था निर्धारित मापदंड पर हो। कोरोना के प्रदेश में 8970 नए प्रकरण आए हैं। सक्रिय प्रकरण एक लाख नौ हजार 928 हैं। पिछले 24 घंटे में स्वस्थ होने वालों की संख्या 10324 है, वहीं सक्रिय प्रकरणों की संख्या में 1438 की कमी आई है। प्रदेश में कोरोना की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 16.5 फीसद है। प्रदेश के आठ जिलों में ही अब 200 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 1597, भोपाल में 1304, जबलपुर में 666, ग्वालियर में 492, रतलाम में 335, शिवपुरी में 279, उज्जैन में 273 एवं रीवा में 249 नए प्रकरण आए हैं। प्रदेश के सात जिलों छिंदवाड़ा, गुना, भिंड, बुरहानपुर, अशोकनगर, खंडवा, अलीराजपुर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से कम है। आलीराजपुर जिले की बुधवार को पॉजिटिविटी दर 2.5 फीसद रही। मुख्यमंत्री चौहान ने इन सभी जिलों को बधाई देते हुए उन्हें संक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए। चौहान ने शहडोल जिले की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि वहां आइसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाए। बताया गया कि दो-चार दिन में आइसीयू के 20 और ऑक्सीजन वाले 30 बिस्तर बढ़ जाएंगे। जिले के प्रतिदिन औसत प्रकरण 177 हैं। वृद्धि दर 2.5 फीसद है तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 17.4 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने उमरिया जिले की समीक्षा के दौरान टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उमरिया में प्रतिदिन औसत 114 प्रकरण आ रहे हैं। वहां की वृद्धि दर 2.3 फीसद तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 21.6 प्रतिशत है।अनूपपुर जिले की समीक्षा के दौरान सीएम ने निर्देश दिए कि जहां आवश्यकता हो, वेंटिलेटर ऑपरेटर तुरंत रख लिए जाएं। चिकित्सा सेवा चुस्त-दुरुस्तत हो। कलेक्टर आवश्यकतानुसार चिकित्सा स्टाफ संविदा पर रख लें।