रायपुर। कांग्रेस ने सेंट्रल विस्टा की तुलना को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में बनने वाले सीएम हाउस मंत्री निवास राजभवन विधानसभा से करने को भाजपा की खीझ बताया है । प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नया रायपुर में मुख्यमंत्री मंत्री निवास राजभवन का शिलान्यास 25 अक्टूबर 2019 को हो गया था तब भारत तो क्या दुनिया ने कोरोना नामक महामारी की कल्पना नही की थी। प्रधान मंत्री मोदी ने कोरोना काल मे जब कोरोना की पहली लहर से देश उबरा भी नहीं था और दूसरी लहर आने की संभावना वैज्ञानिक बता रहे थे तब इसका शिलान्यास दिसम्बर 2020 में किया और सुप्रीम कोर्ट ने इसके निर्माण पर रोक जनवरी 2021 में हटाई तब तक दुनिया में कोविड की दूसरी लहर आ गयी थी।जब दुनिया भर के वैज्ञानिक विशेषज्ञ भारत को दूसरी लहर के लिए तैयार रहने और टीकाकरण की कार्ययोजना बनाने की सलाह दे रहे थे तब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार कोविड से बचाव को दरकिनार कर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अमली जामा पहना रहे थे। दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की कोई आवस्यकता नही थी कि संकट के समय इसको प्राथमिकता दी जाय। देश का संसद भवन दुनिया के बेहतरीन भवनों में से एक है। भारत का राष्ट्रपति भवन बेमिसाल है , सेंट्रल सेक्रेट्रियेट से ले कर प्रधानमंत्री आवास, मंत्रियों के आवास सभी सर्व सुविधा युक्त हैं। मोदी सरकार अपनी सनक और शाहखर्ची के कारण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 20000 करोड़ से अधिक खर्चा करने जा रही है।इतने में तो देश की तीन चौथाई आबादी का वेक्सिनेशन हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा भवन, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बंगले नई राजधानी में बनाने की जरुरत इसलिए पड़ी ताकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने अदूरदर्शिता पूर्वक नई राजधानी में जो 14000 करोड़ रु. खर्च किया था, उसका उपयोग किया जा सके। वह व्यर्थ न हो इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 500 करोड़ की योजना बनाई। पूर्ववर्ती रमन सरकार ने नई राजधानी में भवनों, सड़को, गार्डन आदि के विकास के नाम पर 14000 करोड़ खर्च तो कर दिया था लेकिन वहां बसाहट कैसे होगी, नई राजधानी में लोगों की आवाजाही कैसे होगी, इस दिशा में कोई योजना नहींबनाई। नया रायपुर बना दिया। मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारियों के निवास पुराने रायपुर में ही हैं।जिसके कारण नई राजधानी में निवेश किये गए 14000 करोड़ रु. व्यर्थ साबित हो रहे थे। बड़ी बड़ी बिल्डिंग खंडहर हो रही थीं। सड़क, स्ट्रीट लाइट, गार्डनों आदि के रख रखाव में हर महीने लाखो रुपए फिजूल में अलग खर्च हो रहे हैं।आज भी नया रायपुर वीरान पड़ा हुआ है । नया रायपुर में बसाहट बढ़ाने और वहां खर्च किये गए पैसों की उपयोगिता के लिये कांग्रेस सरकार ने निर्णय लिया कि मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारी वहां रहें। विधानसभा भी नवा रायपुर में बने। रमन सिंह ने जिस सीएम हाउस को 18 एकड़ में 81 करोड़ रुपए में बनाने की मंजूरी 2014 में दी थी, उसे भूपेश बघेल ने मात्र 8 एकड़ में करवा दिया उसकी लागत भी 60 करोड़ करवा दी।