भोपाल । आने वाले दिनों में कोरोना की रवानगी के सुखद संकेत मिल रहे हैं। मोहनखेड़ा के गच्छाधिपति आचार्य विजय ऋषभचन्द्र सूरि महाराज ने भविष्यवाणी की है कि 23 मई के बाद कोरोना लौटने लगेगा, यानी मानव जाति को इससे निजात मिलने लगेगी। यह सब होगा शनि की व्रकी गति शुरू होने से। इससे रोग की उत्पत्ति नहीं होगी और प्राणवायु की तकलीफ भी दूर होना शुरू हो जाएगी। हालांकि आचार्यश्री ने 2022 में इसके तीसरी लहर के रूप में आने की भविष्यवाणी भी की है।
पिछले वर्ष 29 अप्रैल 2020 को आचार्यश्री ने अपनी भविष्यवाणी भद्रबाहु संहिता में लिखा था यह महामारी तीन साल तक ग्रीष्म ऋतु में दु:खदायी होगी। अब उन्होंने दूसरी भविष्यवाणी की है, जिसमें लिखा है कि कोरोना काल बहुत ही जल्दी कमजोर होगा। शनि के प्रभाव से इसके परिणाम 23 मई से मिलना शुरू हो जाएंगे। इस दिन से शनि की वक्री गति शुरू होना है और इसके परिणामस्वरूप भारत में प्राणवायु यानी ऑक्सीजन की तकलीफें दूर होना भी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने अपनी भविष्यवाणी में बताया कि गुरु ग्रह मार्च में अतिसारी, अर्थात भयग्रस्त मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में गया था, तब से कोरोना की उत्पत्ति होने लगी थी। पिछले वर्ष भी यही स्थिति बनी थी और मार्च में ही कोरोना उत्पन्न हुआ था। आचार्यश्री ने 2022 में भी तीसरी लहर की संभावना जताई है। इस साल तो परिस्थितियां 20 जून तक पूरी तरह सामान्य हो जाएंगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आंधी-तूफान और वर्षा का दौर शीघ्र ही इस महामारी को खत्म कर देगा।