धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
जिला कलेक्टर ने रायगढ़ जिले को 16 मई तक के लिए लॉक डाउन लगा रखा है, लॉक डाउन के बाद भी कोरोना आंकड़ा कम नहीं होने के काराण रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन करने का आदेश जारी किया था। संपूर्ण लॉक डाउन का मतलब है कि जिले में रविवार को सिर्फ मेडिकल ही खुलेंगे और कुछ नहीं, होम डिलवारी सिस्टम भी बंद रहेंगे। लेकिन धरमजयगढ़ में पूर्ण लॉक डाउन के दिन भी सब्जी वाले घूम-घूम कर सब्जियां बेचते रहे और वन विभाग द्वारा पूरे धरमजयगढ़ में तेंदुपत्ता तोड़ाई व खरीदी कार्य करवाया जा रहा है ऐसे में जिला कलेक्टर के संपूर्ण लॉक डाउन का क्या अर्थ होगा, जब इस तरह के भीड़ लगाकर तेन्दुपत्ता खरीदा जा रहा हो।
कोरोना को लेकर अधिकत्तर लोग जागरूक नहीं है ऊपर से कलेक्टर के आदेश के बाद भी एक जिम्मेदार विभाग आदेश का उल्लंघन करना कहां तक सही है। संपूर्ण लॉक डाउन यानि की हर प्रकार का कार्य बंद रहना था। वन विभाग एक दिन तेन्दुपत्ता खरीदी बंद कर सकता था अगर एक दिन खरीदी बंद करता तो विभाग को कोई नुकसान नहीं होता हां कलेक्टर द्वारा लगाये गये संपूर्ण लॉक डाउन सफल होता और हो सकता था कि कोरोना का चैन तोडऩे में ये लॉक डाउन कारगार साबित होता, लेकिन वन विभाग ने इस लॉक डाउन को भी मटिया मेट कर दिया है। ऐसे भी इन दिनों नगर में बेवजहा घूमने वाले भी पहले से अधिक हो गये हैं क्योंकि इस समय फालतू घूमने वालों पर पुलिस द्वारा किसी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। और न ही चौंक चौराहो में किसी प्रकार का पूछ परख हो रहा है कि कौन किस काम से आ जा रहे हैं पूछताछ नहीं होने नतीजा है कि फूल लॉकडाउन के बाद भी नगर में लोग घूम-घूूम कर सब्जियां बेच रहे थे। चित्र में आप देख सकते हैं कि कोरोना गाइडलाईन की किस कदर धज्जियां उड़ाई जा रही है तेन्दु पत्ता खरीदी केन्द्र में अगर वन विभाग द्वारा कोरोना गाइड लाईन का इस कदर अनदेखी करता रहा तो आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का खतरनाक रूप देखने को मिलेगा? वन विभाग को भी चाहिए कि तेन्दु पत्ता फड़ में कोरोना गाइड लाइन का पालन करवाये ताकि कोरोना और तांडव न मचा सकें।