नई दिल्ली । डोपिंग मामले में भारतीय धाविका गोमती मारिमुथु को करार झटका लगा है क्योंकि उनपर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। खेल पंचाट (सीएएस) ने गोमती की साल 2019 के डोपिंग मामले में 4 साल के निलंबन की अपील को ठुकरा दिया है। गोमती का निलंबन साल 2019 से प्रभावी है और यह 16 मई 2023 तक जारी रहेगा।
इससे पहले गोमती ने एशियाई चैम्पियनशिप 2019 में 800 मीटर में स्वर्ण पदक जीत था पर बाद में उन्हें डोपिंग का दोषी पाया गया। उनके नमूने में प्रतिबंधित 19-नोरांड्रोस्टेरोन पाया गया था जो स्ट्रायड नानड्रोलोन से जुड़ा है। विश्व एथलेटिक्स इकाई ने पिछले साल 26 मई को उनसे स्वर्ण पदक वापस लेते हुए 4 का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सीएएस में अपील की थी।
पंचाट के एकमात्र मध्यस्थ जन पॉलसन ने अपने फैसले में गोमती को डोपिंग का दोषी बताते हुए कहा कि पहली बार सुनवाई पैनल ने उन्हें 17 मई, 2019 से 16 मई, 2023 तक चार साल के लिए निलंबित किया था और वह जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने 18 मार्च से 17 मई 2019 के बीच जितने भी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था, उसमें उनकी भागीदारी को रद्द कर दिया गया है।
एशियाई चैम्पियनशिप 2019 से पहले गोमती के तीन और बार जांच में पॉजिटिव आई थी। उन्हें 18 मार्च 2019 को पटियाला में फेडरेशन कप के दौरान और फिर 13 अप्रैल 2019 को पटियाला में चयन ट्रायल के दौरान भी जांच में प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया था। वहीं गोमती ने अपनी अपील में कहा था कि वह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित है और इसके साथ ही उन्हें जनवरी 2019 में गर्भपात का सामना करना पड़ा था। इस वजह से उनके नमूने में 19-नोरांड्रोस्टेरोन की मात्रा अधिक हो गई थी।