बिलासपुर । अपनी बहाली के लिए लगाई गई विप्रो महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई बढ़ा दी है.. मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 मैं अव्यवस्था फैलाने पर डीपी विप्र महाविद्यालय का संचालन शासन ने अपने हाथ में लेते हुए कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया था.. साथ ही प्राचार्य पद की जिम्मेदारी सीनियर प्रोफेसर डॉ रामाधार प्रसाद पांडे को सौंपी गई थी.. इस दरमियान डॉक्टर पांडे ने ही कंप्यूटर सहित अन्य काम कलेक्टर के हस्ताक्षर से करवाए थे ऑडिट आपत्ति आने पर डॉक्टर पांडे को 14 अगस्त 2020 को निलंबित कर दिया गया था.. इसे डॉक्टर पांडे ने अधिवक्ता प्रकाश तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है.. याचिका में कहा गया है कि.. आज शासकीय महाविद्यालय अधिनियम 1978 के नियम 6 के उप नियम 4 में यह व्यवस्था दी है कि.. निलंबन के 15 दिनों के भीतर शासन से अप्रूवल कराना होगा अन्यथा 90 दिनों के भीतर निलंबित प्रोफेसर या कर्मचारी स्वमेव बहाल हो जाएंगे.. निलंबन के 15 दिनों के भीतर शासन से अनुमति नहीं लेने पर याचिकाकर्ता ने अपनी बहाली के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था.. बावजूद इसके बहाली के लिए कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई.. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आरके केसरवानी की पैरवी सुनने के बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई आगामी आदेश तक बढ़ा दी है..