बिलासपुर । बिलासपुर सम्भाग के सबसे बड़े और भरोसेमंद अपोलो अस्पताल की जमीनी स्थिति आज हवा में लटकने जैसी हो गई है। एसईसीएल ने अपोलो अस्पताल के लिए मध्यप्रदेश सरकार से लीज पर साढ़े सात एकड़ जमीन ली थी, उसकी अवधि पिछले साल खत्म हो गई। एसईसीएल ने अस्पताल की लीज बढाने के लिए पैसा जमा करा दिया है। लेकिन, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। जाहिर है, अपोलो अस्पताल फिलहाल एसईसीएल के मालिकाना वाली लीज पर नहीं, बल्कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाली जमीन पर है। याने आज की तारीख में इस अस्पताल को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के सरकारी जमीन पर काबिज जैसी स्थिति ही कही जा सकती है। ज् बेड 300 तो कोरोना के लिए 75 क्यों? अपोलो अस्पताल आखिर जिला प्रशासन का क्यों नहीं सुन रहा, कलेक्टर के बोलने पर सिर्फ 25 बेड बढ़ाए।
एसईसीएल के महाप्रबंधक लैंड एंड रेवेन्यू श्री देशकर ने स्वीकार किया कि अपोलो की लीज पिछले साल समाप्त हो गई है। उनसे मंथ और डेट पूछा गया तो उन्होंने कहा, अभी लॉकडाउन में ऑफिस बंद है, इसलिए तारीख नहीं बता सकता। उन्होंने बताया कि एसईसीएल ने अपने तरफ से पूरी फऱमिलिटी पूरी कर दी है, निर्धारित राशि भी जमा कर दी गई है। श्री देशकर कहते हैं, हमलोग भी इंतजार कर रहे, जल्द लीज का रिनिवल हो जाये।ज् कलेक्टर सारांश के बोलने पर आज 20 बेड बढ़ाया अपोलो ने, बेड बढ़ाने में बनिया की तरह कंजूसी कर रहा अपोलो प्रबंधन, राजनीतिक नेतृत्व की कमी अब लोगों को अखर रहा।
ज्ञातव्य है, एसईसील को अस्पताल खोलने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 1990 में 30 साल की लीज पर साढ़े सात एकड़ जमीन दी थी। लेकिन, अब उसका रिनिवल अटक गया। कलेक्टर के लगातार प्रयास के बाद भी अपोलो प्रबंधन बेड बढ़ाने में बेहद कंजूसी कर रहा है। ऐसे में, ये बात उठ रही कि लीज रिनिवल न करने के कारण तो अपोलो कहीं आगे आने में हिचकिचा रहा है। आज कलेक्टर के साथ मीटिंग में अपोलो ने 10 दिन में बेडों की संख्या बढ़ाकर 164 करने का भरोसा दिया है। जबकि, पिछले 13 दिन में बिलासपुर में 370 से अधिक लोग जान गवां बैठे हैं। अपोलो और 10 दिन लगाएगा तो कितना नुकसान होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। हो सकता है, तब तक कोरोना का पिक उतर जाए। फिर बात आई, गई हो जाएगी।ज् अपोलो अस्पताल में कोविड बेड बढ़ाने सोशल मीडिया पर बड़ा अभियान, डॉ. संगीता रेड्डी से लोग कर रहे गुहारज्कठिन समय में लोगों की जान बचाने अपोलो को बेड बढ़ाना चाहिए।
अपोलो में बेड बढ़ाने पर लोगों का फोकस इसलिए है कि आम आदमी का उस पर अत्यधिक भरोसा है। बड़ा अस्पताल होने की वजह से अपोलो में इलाज का अपना प्रोटोकॉल है। उम्दा डॉक्टर और ट्रेंड स्टाफ है। बिलासपुर के एक जाने, माने समाजसेवी ने कहा, अपोलो अस्पताल बिलासपुर की जरूरत है, सरकार और सरकार में बैठे लोगों को कोशिश करनी चाहिए, उसकी लीज का रिनिवल हो जाये।