Home मध्य प्रदेश मरीज का वास्‍तविक स्‍टेटस ‎मिल रहा परिजनों के वाटसएप नंबर पर

मरीज का वास्‍तविक स्‍टेटस ‎मिल रहा परिजनों के वाटसएप नंबर पर

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  भोपाल । हमीदिया अस्‍पताल के ओएसडी विनोद सोनकिया ने एक नई व्‍यवस्‍था लागू की है। इस व्‍यवस्‍था के तहत हमीदिया में भर्ती हर मरीज का वास्‍तविक स्‍टेटस उसके परिजनों के वाटसएप नंबर पर उपलब्‍ध कराया जा रहा है। इसमें ऑक्‍सीजन लेवल से लेकर, पल्‍स रेट, बीपी सहित अन्‍य जानकारी कि कौन का इंजेक्‍शन लगा है या नहीं। खाना खाया या नहीं। इसकी भी जानकारी 24 घंटे में एक बार मरीज के परिजन को दी जा रही है ताकि परिजनों को कोई परेशानी का सामना न करना पडे। हमीदिया में मरीजों के प्रभारी बनाए गए है। इन प्रभारियों के पास 4 से 5 मरीजों की जिम्‍मेदारी होती है। इस तरह हर मरीज की जानकारी इन प्रभारियों की मदद से नीचे हेल्‍प डेस्‍क के पास ऑफलाइन भेजी जाती है। इस व्‍यवस्‍था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए यहां सभी मरीजों की जानकारी ऑनलाइन कर इसका प्रिंट निकालकर मरीजों के परिजन के वाटसएप पर उपलब्‍ध करवाया जाता है या फिर मरीज आसपास है तो इसे वहां उपलब्‍ध करवाया जाता है। मरीजों के परिजनों की 24 घंटे में एक बार हेल्‍प डेस्‍क के जरिए वीडियो कॉल से चर्चा करवाई जा रही है। इसके लिए मरीजों के प्रभारी के पास टेबलेटस उपलब्‍ध करवाए गए है। वहीं हेल्‍प डेस्‍क में एक टेबलेट दिया गया है। इस तरह कोई भी परिजन हेल्‍प डेस्‍क में जाता है और मरीज का कुशलक्षेम जानने की इच्‍छा जाहिर करता है तो उसे वीडियो कॉल के जरिए बातचीत करवाई जाती है। हमीदिया अस्‍पताल में कितने बिस्‍तर खाली है और कितने बिस्‍तर भरे हुए है। इसकी जानकारी उपलब्‍ध कराने के लिए ऑनलाइन लिंक दी गई है। जिसमें वास्‍तविक स्‍टेटस दिखाया जाता है लेकिन इसमें और अधिक पारदर्शिता आ जाए इसके लिए हमीदिया में अब डिस्‍प्‍ले बोर्ड लगाया जा रहा है। जिसमें रिक्‍त बिस्‍तर और भरे बिस्‍तर की जानकारी दर्शाई जाएगी। रेलवे स्‍टेशनों में जिस तरह से कोच मैनेजमेंट सिस्‍टम होता है। उसी तरह हमीदिया में बेड मैनेजमेंट सिस्‍टम लागू किया जा रहा है। बता दें ‎कि हमीदिया अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों के परिजन रात दिन टकटकी लगाए, अपनी भूख-प्‍यास भुलाकर अपनों का कुशलक्षेम जानने के लिए जद्दोजहद करते रहते है। ऐसे में अगर उन्‍हें जानकारी नहीं मिल पाती है तो कई बार विवाद की स्थिति भी बनती है। इन सभी समस्‍याओं को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा नई पहल की गई है।

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