कोरबा, । जिले में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 27 अप्रैल तक लागू पूर्ण तालाबंदी अवधि के दौरान लोगों की सहूलियत के लिए किराना दुकानों से लोगों को सुबह सात बजे से 11 बजे तक घरेलू आवश्कता की चीजों की होम डिलीवरी की जाएगी। इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल ने जरूरी निर्देश भी जारी कर दिए हैं। होम डिलीवरी के लिए दुकान संचालकों की सूची तैयार करने का जिम्मा शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों को और ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायतों के सीईओ को दिया गया है। नगरीय निकाय और जनपद पंचायत अपने-अपने क्षेत्र में होम डिलीवरी करने के इच्छुक किराना दुकानों और उनके संचालकों के मोबाइल नंबर सहित सूची तैयार करेंगे। जिसकी जानकारी आमजनों तक पहुंचाई जाएगी। किराना दुकान संचालक होम डिलीवरी के लिए आमजनों से आर्डर फोन, व्हाट्स एप्प या अन्य एप्प के माध्यम से लेंगे। किराना दुकान संचालकों को सामान की आपूर्ति केवल होम डिलीवरी के माध्यम से ही करने की अनुमति होगी। दुकान संचालक किराना सामान की आपूर्ति दुकान खोलकर सीधे नागरिकों को नहीं कर सकेंगे। दुकान खोलकर सीधे ग्राहकों को सामान बेचते पाए जाने पर दुकान संचालक विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जारी किए गए निर्देशानुसार दुकानदार होम डिलीवरी के लिए छोटे वाहनों का उपयोग कर सकेंगे। वस्तुओं का भुगतान यथा संभव आनलाइन माध्यम से ही होगा। किराना दुकान संचालक अपने क्षेत्र में ही होम डिलीवरी करेंगे अनावश्यक अन्य क्षेत्रों में आवागमन की अनुमति नहीं होगी। सभी संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम होम डिलीवरी के लिए इच्छुक दुकानदारों को मूवमेंट पास जारी करेंगे जिससे दुकानदार एक निश्चित सीमा क्षेत्र, वार्ड या मोहल्ले में ही आवागमन कर सकेंगे। होम डिलीवरी करने वाले व्यक्ति को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। मास्क लगाकर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कान्टैक्ट लेस डिलीवरी ही मान्य होगी। कोरोना संक्रमित या परिजनों के संक्रमित होने के कारण होम आईसोलेशन में रहने वाले दुकानदारों को होम डिलीवरी की सुविधा नहीं दी जाएगी। थोक व्यापारी होम डिलीवरी की व्यवस्था में लगे दुकानदारों से आनलाइन या फोन के माध्यम से आर्डर लेकर जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करेंगे। होम डिलीवरी के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने, तालाबंदी के निर्देशों का पालन नहीं करने और कोरोना रोकथाम के लिए समय-समय पर जारी शासकीय निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1860, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत दण्डनीय कार्रवाई की जाएगी।