मुंबई । चेन्नई सुपर किंग्स ने शुक्रवार को पंजाब किंग्स को हराकर सीजन की पहली जीत हासिल की। शुरुआती मैच में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ एकतरफा हार के बाद जिस तरह चेन्नई ने वापसी की है वह तारीफ के काबिल है। इस मुकाबले में चेन्नई की जीत की पटकथा मैच के पहले 20 ओवर में ही लिखी जा चुकी थी। चलिए जानने की कोशिश करते हैं उन टॉप-4 कारणों के बारे में जिनकी बदौलत महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने पंजाब को पटखनी दी है।
दीपक चाहर का ओपनिंग स्पैल
राजस्थान और दिल्ली के बीच हुए मुकाबले से यह बात साबित हो गई थी कि वानखेड़े की पिच पर पारी की शुरुआत में स्विंग और सीम गेंदबाज कमाल कर सकते हैं। दिल्ली के खिलाफ मुकाबले से सीख लेते हुए चेन्नई के स्ट्राइक बॉलर दीपक चाहर ने इस बार लाइन-लेंथ सही रखी। इसका उन्हें फायदा मिला और उन्होंने अपने चार ओवर में 13 रन देकर 4 विकेट लिए और पंजाब की चुनौती को ध्वस्त कर दिया।
पंजाब के कप्तान का रन आउट होना
दीपक चाहर ने पंजाब के बल्लेबाजों पर कहर बरपाया ही, साथ ही कप्तान लोकेश राहुल के रन आउट होने से पंजाब की पारी की कमर पूरी तरह टूट गई। राहुल ने इस ग्राउंड पर टी-20 क्रिकेट में 70 से अधिक की औसत से रन बनाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यहां पिछली 4 टी-20 पारियों में 90 से ऊपर का स्कोर बनाया था, जिसमें एक शतक भी शामिल था। उनके रन आउट होने से पंजाब की रही-सही संघर्ष क्षमता भी समाप्त हो गई।
धोनी की स्मार्ट कप्तानी, चाहर को एक साथ 4 ओवर दिए
आम तौर पर टी-20 क्रिकेट में किसी फास्ट बॉलर को एक ही स्पैल में 4 ओवर डालते हुए कम ही देखा जाता है। लेकिन, धोनी ट्रैडिशनल कप्तान नहीं रहे हैं। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी कर रहे दीपक चाहर से चार ओवर का स्पैल करा दिया और वास्तविकता यही है कि इसी स्पैल ने पंजाब को मुकाबले से बाहर कर दिया।
डुप्लेसिस और मोइन की सधी हुई पारियां
पंजाब को 106 रन पर रोकने के बाद चेन्नई के लिए राह काफी आसान मानी जा रही थी। लेकिन, चेन्नई के ओपनर ऋतुराज गायकवाड भी सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद फाफ डुप्लेसिस और मोइन अली ने संभलकर बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 66 रन जोड़कर चेन्नई के खतरे से बाहर कर दिया। इसके बाद जीत महज औपचारिकता रह गई थी।